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भारतीय रेलवे में कन्फर्म टिकट की कमी: करोड़ों यात्री प्रभावित

भारतीय रेलवे में कन्फर्म टिकट की कमी एक गंभीर समस्या बन गई है, जिससे करोड़ों यात्री प्रभावित हो रहे हैं। हाल के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष 3.27 करोड़ यात्रियों को कन्फर्म टिकट नहीं मिल सके, जिससे उन्हें यात्रा रद्द करनी पड़ी या अनिश्चितता में यात्रा करनी पड़ी। रेलवे ने इस समस्या को हल करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन ये प्रयास यात्रियों की बढ़ती मांग के सामने अपर्याप्त साबित हो रहे हैं। जानें इस मुद्दे की गहराई और रेलवे के प्रयासों के बारे में।
 

भारतीय रेलवे में टिकटों की स्थिति

भोपाल: भारतीय रेलवे में यात्रा करना अब एक 'वेटिंग गेम' बनता जा रहा है। देश की जीवनरेखा मानी जाने वाली ट्रेनों में कन्फर्म सीट प्राप्त करना कितना कठिन हो गया है, इसका पता एक आरटीआई (RTI) से प्राप्त चौंकाने वाले आंकड़ों से चलता है। मध्य प्रदेश के नीमच के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर द्वारा जुटाई गई जानकारी के अनुसार, पिछले एक वर्ष (2024-25) में 3.27 करोड़ यात्रियों के टिकट यात्रा के अंत तक कन्फर्म नहीं हो सके, जिसके कारण उन्हें या तो यात्रा रद्द करनी पड़ी या अनिश्चितता में यात्रा करनी पड़ी।


ये आंकड़े अत्यंत चिंताजनक हैं क्योंकि कन्फर्म टिकट न मिलने वाले यात्रियों की संख्या हर साल तेजी से बढ़ रही है। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में वेटिंग लिस्ट का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है।


वर्ष दर वर्ष बढ़ती समस्या:


वर्ष          कन्फर्म टिकट न पाने वाले यात्रियों की संख्या
2024-25       3.27 करोड़
2023-24       2.96 करोड़
2022-23       2.72 करोड़
2021-22       1.65 करोड़


ये आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि पिछले चार वर्षों में यह समस्या लगभग दोगुनी हो गई है। इसका सीधा अर्थ है कि ट्रेनों में सीटों की मांग और उपलब्धता के बीच एक विशाल अंतर है। चाहे त्योहारी सीजन हो या सामान्य दिन, मेल, एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट लगातार लंबी होती जा रही है।


हालांकि, रेलवे ने इस समस्या का समाधान करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। हाल ही में, अवैध एजेंटों पर नियंत्रण के लिए IRCTC ने लगभग 2.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी को बंद कर दिया। इसके अतिरिक्त, यात्रियों को उनकी टिकट की स्थिति जल्दी जानने के लिए अब ट्रेनों का पहला चार्ट पहले से तैयार किया जाता है, ताकि यात्री समय पर अपनी यात्रा की योजना बना सकें, जबकि पहले यह चार्ट यात्रा से केवल 4 घंटे पहले तैयार होता था।


फिर भी, ये प्रयास करोड़ों यात्रियों की बढ़ती मांग के सामने अपर्याप्त साबित हो रहे हैं। एक ओर रेलवे आधुनिकीकरण और बुलेट ट्रेन की दिशा में बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर आम आदमी के लिए एक कन्फर्म सीट प्राप्त करना आज भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।