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भारतीय वायुसेना के प्रमुख एपी सिंह ने साझा की ऑपरेशन सिंदूर की रणनीतियाँ

भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वायुसेना की स्थिति और भविष्य की सैन्य रणनीतियों पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने आक्रामक वायु शक्ति के उपयोग की आवश्यकता और एकीकृत सैन्य कमान योजना के महत्व पर जोर दिया। जानें, उनके विचार और भविष्य की योजनाएँ क्या हैं।
 

एयर चीफ मार्शल एपी सिंह का महत्वपूर्ण बयान

एयर चीफ मार्शल: भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर और एकीकृत सैन्य कमान योजना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने वायुसेना की स्थिति, पाकिस्तान पर हमले की रणनीति, और भविष्य में सैन्य कमांड के एकीकरण पर अपने विचार व्यक्त किए।


ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वायुसेना की स्थिति

वायुसेना की मजबूत स्थिति
एपी सिंह ने बताया कि 9 और 10 मई की रात पाकिस्तान पर हमले के दौरान भारतीय वायुसेना एक मजबूत स्थिति में थी। उन्होंने कहा कि उस समय हमले जारी रखने की क्षमता थी, लेकिन यह भारतीय वायुसेना का उद्देश्य नहीं था। युद्ध के लक्ष्यों को प्राप्त करने के बाद आगे बढ़ना उचित नहीं समझा गया।


वायु शक्ति का आक्रामक उपयोग

आक्रामक रणनीतियों की आवश्यकता
एपी सिंह ने यह भी कहा कि वर्तमान समय में वायु शक्ति का आक्रामक तरीके से उपयोग होना चाहिए। उनका मानना है कि वायुसेना को केवल रक्षात्मक भूमिका में नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीतियों में भी सक्रिय रूप से शामिल किया जाना चाहिए। यह बयान भविष्य में युद्ध की रणनीतियों में वायुसेना की शक्ति के बेहतर उपयोग को दर्शाता है।


एकीकृत सैन्य कमान की योजना

तालमेल के लिए समन्वय केंद्र की आवश्यकता
एपी सिंह ने एकीकृत सैन्य कमान योजना पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने इसे जल्दबाजी में लागू करने के बजाय सोच-समझ कर लागू करने की आवश्यकता बताई। उनका मानना है कि थलसेना, वायुसेना और नौसेना के बीच बेहतर तालमेल के लिए एक संयुक्त योजना और समन्वय केंद्र की स्थापना की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं के कामकाजी ढांचे को बाधित करते हुए नया ढांचा बनाना उचित नहीं होगा।


एकीकृत सैन्य कमान का उद्देश्य

संसाधनों का बेहतर उपयोग
एकीकृत सैन्य कमान का उद्देश्य सेना, वायुसेना और नौसेना की ताकत को एकजुट करके सैन्य अभियानों में बेहतर संसाधन उपयोग करना है। इस योजना के तहत, प्रत्येक थिएटर कमान में तीनों सेनाओं की इकाइयां होंगी, जो एक निर्दिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करेंगी। भारत में अभी तक थलसेना, नौसेना और वायुसेना की अलग-अलग कमान हैं, और एकीकृत सैन्य कमान का उद्देश्य इन तीनों को एक साथ लाकर संयुक्त सैन्य संचालन को मजबूती देना है।


भविष्य की रक्षा रणनीतियाँ

एपी सिंह के बयान और उनकी रणनीतिक सोच यह संकेत देती है कि भारतीय सेना भविष्य में और अधिक आधुनिक और एकीकृत तरीके से अपनी रक्षा क्षमता को बढ़ाने की योजना बना रही है।