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भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट, तीसरे दिन भी लाल निशान पर बंद

भारतीय शेयर बाजार ने लगातार तीसरे दिन गिरावट का सामना किया, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में कमी आई। वैश्विक व्यापार चिंताओं और एशियाई बाजारों के प्रभाव के चलते यह गिरावट आई। प्रमुख कंपनियों के शेयरों में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। हालांकि, विदेशी निवेशकों ने रिकॉर्ड निवेश किया है, जो भारतीय बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है। जानें इस गिरावट के पीछे के कारण और प्रमुख कंपनियों की स्थिति के बारे में।
 

शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी


कारोबारी सप्ताह की शुरुआत में सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट


भारतीय शेयर बाजार ने लगातार तीसरे दिन गिरावट का सामना किया। वैश्विक व्यापार की चिंताओं और एशियाई तथा यूरोपीय बाजारों के मिश्रित प्रभाव के कारण भारतीय शेयर बाजार ने पहले कारोबारी दिन मामूली गिरावट के साथ समापन किया। यह लगातार तीसरा दिन है जब बाजार गिरावट में बंद हुआ है, जबकि पिछले सप्ताह भी गुरुवार और शुक्रवार को गिरावट देखी गई थी।


गिरावट के कारण

एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई और हांगकांग का हैंग सेंग गिरावट के साथ बंद हुए। चीन के बाजार छुट्टी के कारण बंद रहे। यूरोपीय बाजार मध्य सत्र में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार भी मिश्रित रुख के साथ बंद हुए। इसके अलावा, रूस-यूक्रेन संघर्ष, ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और विदेशी निवेशकों के बाहर जाने से घरेलू बाजार पर असर पड़ा।


पूरे दिन घरेलू बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रही। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 77.26 अंक या 0.09 प्रतिशत गिरकर 81,373.75 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 224.55 अंक या 0.90 प्रतिशत गिरकर 24,526.15 पर पहुंच गया। एनएसई निफ्टी 34.10 अंक या 0.14 प्रतिशत गिरकर 24,716.60 पर आ गया।


प्रमुख कंपनियों के शेयरों की स्थिति

सेंसेक्स की कंपनियों में टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाइटन, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, इंफोसिस और कोटक महिंद्रा बैंक सबसे अधिक गिरावट में रहे। वहीं, अडानी पोर्ट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, पावर ग्रिड, इटरनल और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर लाभ में रहे।


विदेशी निवेश में वृद्धि

जहां एक ओर विदेशी मुद्रा भंडार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, वहीं भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों ने रिकॉर्ड निवेश किया है। वैश्विक उतार-चढ़ाव और पाकिस्तान के साथ तनाव के बावजूद भारतीय शेयर बाजार विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मई में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 19,860 करोड़ का शुद्ध निवेश किया, जो इस वर्ष का सबसे ऊंचा मासिक निवेश है।