भारतीय श्रद्धालुओं का जत्था पाकिस्तान पहुंचा, गुरु नानक देव जी के गुरुद्वारों के दर्शन
गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर जत्था रवाना
श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर, भारतीय श्रद्धालुओं का एक बड़ा जत्था पाकिस्तान के गुरुद्वारों के दर्शन के लिए रवाना हुआ। यह जत्था मंगलवार को श्री हरिमंदिर साहिब में स्थित श्री अकाल तख्त साहिब से निकला, जिसमें 2100 श्रद्धालु शामिल थे। जत्था पाकिस्तान पहुंच चुका है, जहां भारतीय श्रद्धालुओं का भव्य स्वागत किया गया। उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर पाकिस्तान सरकार ने 2,150 वीजा जारी किए थे।
अकाल तख्त के जत्थेदार की अगुवाई में यात्रा
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज के नेतृत्व में श्रद्धालु अटारी-वाघा सीमा पार कर लाहौर पहुंचे। वहां पंजाब प्रांत के मंत्री रमेश सिंह अरोड़ा और पाकिस्तान इवेक्यूई ट्रस्ट बोर्ड (ईटीबी) के अधिकारियों ने फूलों से उनका स्वागत किया। श्रद्धालु लाहौर में ननकाना साहिब और करतारपुर साहिब जैसे ऐतिहासिक गुरुद्वारों में मत्था टेकेंगे। यह यात्रा पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव के बीच पहली बार हो रही है।
गुरुद्वारों की भव्य सजावट
ईटीपीबी के प्रवक्ता गुलाम मोहिउद्दीन ने बताया कि भारतीय तीर्थयात्री विशेष बसों से गुरुद्वारा जन्मस्थान, ननकाना साहिब के लिए रवाना हुए। गुरु नानक जयंती का मुख्य समारोह बुधवार को लाहौर से लगभग 80 किलोमीटर दूर गुरुद्वारा जन्मस्थान में आयोजित होगा। सभी गुरुद्वारों को खूबसूरती से सजाया गया है और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
जत्था 13 नवंबर को लौटेगा
यह जत्था पाकिस्तान के ननकाना साहिब, करतारपुर साहिब, डेरा साहिब लाहौर सहित कई पवित्र गुरुद्वारों के दर्शन करेगा और 13 नवंबर को अटारी बॉर्डर के रास्ते भारत लौटेगा। इस अवसर पर ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज और जत्थे के अन्य सदस्य अरदास करेंगे कि श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर हमेशा खुला रहे और बंदी सिखों की जल्द रिहाई हो। यह यात्रा सिख धर्म की प्रकाशमयी परंपरा और गुरु नानक देव जी के विश्व भाईचारे के संदेश को और मजबूत करती है।