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भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का बर्लिन दौरा: आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश

भारतीय सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बर्लिन पहुंचा है, जिसका उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ रुख को प्रदर्शित करना है। जर्मनी में भारत के राजदूत अजीत गुप्ते ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और व्यापार, रक्षा, और विज्ञान के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। यह यात्रा भारत सरकार के ऑपरेशन सिंदूर के तहत की जा रही है, जो आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति को दर्शाती है।
 

बर्लिन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा

बर्लिन: भारतीय जनता पार्टी के सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बर्लिन पहुंचा है। यह यात्रा आतंकवाद के खिलाफ भारत के दृढ़ और एकजुट रुख को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से की गई है।


जर्मनी में भारत के राजदूत अजीत गुप्ते ने गुरुवार शाम को इस प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और भारत-जर्मनी संबंधों पर चर्चा की। इस दौरान व्यापार, निवेश, रक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया।


भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में यह सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बर्लिन पहुंचा है।


एक अन्य पोस्ट में दूतावास ने कहा कि चर्चा में भारत-जर्मनी की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की बात की गई।


प्रतिनिधिमंडल 5-7 जून तक जर्मनी में रहेगा और इस दौरान जर्मन संसद (बुंडेस्टैग) और विदेश कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत करेगा।


रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में इस नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर, भाजपा सांसद गुलाम अली खटाना, कांग्रेस सांसद अमर सिंह, शिवसेना-यूबीटी से प्रियंका चतुर्वेदी, एआईएडीएमके सांसद एम थंबीदुरई और पूर्व राजनयिक पंकज सरन शामिल हैं।


यह प्रतिनिधिमंडल भारत सरकार के ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति का पालन करते हुए जर्मनी पहुंचा है।


गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 निर्दोष लोगों की हत्या की थी। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया। भारतीय सशस्त्र बलों ने लक्षित हमले किए, जिससे जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे समूहों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।