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मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप का मामला: जी रंगनाथन की गिरफ्तारी से मचा हड़कंप

मध्य प्रदेश में 21 लोगों की मौत से जुड़े जहरीले कफ सिरप मामले में जी रंगनाथन की गिरफ्तारी ने स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा दिया है। जांच में सामने आया है कि कोल्ड्रिफ सिरप में 48.6% डायइथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया, जो बेहद खतरनाक है। रंगनाथन की कंपनी पर गंभीर आरोप लगे हैं, और उनकी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को सील कर दिया गया है। इस मामले ने रंगनाथन की वर्षों की साख पर धब्बा लगा दिया है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।
 

Coldrif Cough Syrup Case: बड़ी कार्रवाई

Coldrif Cough Syrup Case: मध्य प्रदेश में 21 लोगों की मौत से जुड़े जहरीले कफ सिरप मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. राज्य की सात सदस्यीय विशेष टीम ने चेन्नई से श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स (Sresan Pharmaceuticals) के मालिक जी रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया है. अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि रंगनाथन की कंपनी पर कोल्ड्रिफ (Coldrif) नाम के कफ सिरप बनाने का आरोप है, जिसमें जहरीले रासायनिक तत्व मिले हैं.


खतरनाक रसायन का खुलासा

तमिलनाडु की प्रयोगशाला जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इस सिरप में 48.6% डायइथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) पाया गया. यह वही घातक रसायन है जो ब्रेक फ्लूड और एंटीफ्रीज़ में इस्तेमाल होता है. इसकी थोड़ी मात्रा भी शरीर में पहुंचने पर किडनी फेलियर और मौत का कारण बन सकती है.


जी रंगनाथन का परिचय

कौन हैं जी रंगनाथन?

73 वर्षीय जी रंगनाथन, मद्रास मेडिकल कॉलेज से फार्मेसी की पढ़ाई कर चुके हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत चार दशक पहले की थी और प्रोनिट (Pronit) नाम के न्यूट्रिशनल सिरप से पहचान बनाई थी. 1980 के दशक में वे खुद बाल रोग विशेषज्ञों और गर्भवती महिलाओं के लिए इस सिरप का प्रचार करते थे.


साख पर धब्बा

वर्षों की साख पर गहरा धब्बा

हालिया घटनाओं ने रंगनाथन की वर्षों की साख पर गहरा धब्बा लगा दिया है. चेन्नई-बेंगलुरु हाईवे पर स्थित उनकी 2,000 वर्ग फुट की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को सील कर दिया गया है, वहीं कोडम्बाक्कम स्थित उनके रजिस्टर्ड ऑफिस पर भी ताले लटक गए हैं. पड़ोसियों ने बताया कि ऑफिस, जो पहले कर्मचारियों और आगंतुकों से भरा रहता था, पिछले सप्ताह रातों-रात खाली कर दिया गया. कर्मचारी देर रात तक कंप्यूटर और उपकरण निकालते देखे गए.


लैब रिपोर्ट का खुलासा

तमिलनाडु की लैब रिपोर्ट ने खोला राज

4 अक्टूबर को तमिलनाडु के डायरेक्टर ऑफ ड्रग्स कंट्रोल द्वारा मध्य प्रदेश सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि कोल्ड्रिफ सिरप (Batch No. SR-13, Manufactured: May 2025, Expiry: April 2027) मानक गुणवत्ता का नहीं है. रिपोर्ट में कहा गया कि सिरप में 48.6% डायइथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया, जिससे यह मिलावटी और विषाक्त श्रेणी में आता है.


बिक्री पर रोक

मध्य प्रदेश में लगी बिक्री पर रोक

रिपोर्ट सामने आने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तत्काल प्रभाव से कोल्ड्रिफ सिरप और श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स की सभी दवाओं की बिक्री, वितरण और स्टॉक पर प्रतिबंध लगा दिया. राज्य की फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने सभी ड्रग इंस्पेक्टरों को सख्त निर्देश दिए कि सिरप के सभी स्टॉक जब्त किए जाएं, बिक्री रोकी जाए और अन्य बैचों के नमूने जांच के लिए एकत्र किए जाएं.


मामले का खुलासा

कैसे खुला मामला?

यह मामला अगस्त के अंत में सामने आया था, जब छिंदवाड़ा जिले के परासिया और आसपास के गांवों में कई बच्चों को हल्के बुखार और खांसी के इलाज के बाद अचानक किडनी फेलियर हो गया. अधिकांश पीड़ित पांच वर्ष से कम उम्र के थे. प्रारंभिक जांच में स्थानीय ब्रांड्स पर रोक लगाई गई थी, लेकिन बाद में तमिलनाडु लैब की रिपोर्ट ने साफ कर दिया कि असली कारण चेन्नई में बनी कोल्ड्रिफ सिरप ही थी, जो 1,000 किलोमीटर दूर से मध्य प्रदेश में सप्लाई की गई थी.

अब जब रंगनाथन की गिरफ्तारी हो चुकी है, पुलिस और ड्रग विभाग यह पता लगाने में जुटे हैं कि कंपनी की गुणवत्ता जांच प्रणाली में चूक कहां हुई और डायइथिलीन ग्लाइकॉल सिरप में कैसे पहुंचा.