×

मध्य प्रदेश में नई रेलवे लाइन का निर्माण, 454 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण

मध्य प्रदेश में रेलवे ढांचे का तेजी से विस्तार हो रहा है, जिसमें महू से मुख्तियारा बलवाड़ा के बीच 56 किलोमीटर की नई रेलवे लाइन का निर्माण शामिल है। इस परियोजना के तहत 454 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें इंदौर-खरगोन वन मंडल की भूमि शामिल है। जानें इस महत्वपूर्ण विकास के बारे में और इसके पर्यावरणीय प्रभावों के बारे में।
 

मध्य प्रदेश में रेलवे ढांचे का विकास


मध्य प्रदेश समाचार: राज्य में रेलवे नेटवर्क का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। इसी दिशा में एक नई रेलवे लाइन बिछाने की योजना को हरी झंडी दी गई है। इस परियोजना के तहत लगभग 454 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। नई रेल लाइन महू से मुख्तियारा बलवाड़ा के बीच 56 किलोमीटर लंबी होगी। ये रेल लाइनें महू-सनावद ब्रॉड गेज के तहत स्थापित की जाएंगी। इसके लिए इंदौर-खरगोन वन मंडलों की 454 हेक्टेयर वन भूमि का उपयोग किया जाएगा। सर्वेक्षण वन मंडल स्तर पर पूरा हो चुका है, और इस नई रेल लाइन के निर्माण के लिए लगभग डेढ़ लाख पेड़ काटे जाएंगे।


56 किलोमीटर की नई पटरियों का निर्माण

56 किलोमीटर की पटरियां बिछाई जाएंगी

महू-मुख्तियारा बलवाड़ा के बीच नई रेल लाइन के लिए 56 किलोमीटर की पटरियां बनाई जाएंगी। विभिन्न कारणों से यहां ब्रॉड गेज का कार्य पिछले तीन वर्षों से रुका हुआ है। पश्चिम रेलवे ने पहले ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए अलाइनमेंट में बदलाव किया। इसके बाद डबल लाइन का सर्वेक्षण किया गया। हालांकि, वर्तमान में सिंगल लाइन के लिए ही पटरियां बिछाई जाएंगी।


भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया

इंदौर-खरगोन वनमंडल की भूमि का अधिग्रहण

नई रेल लाइन के लिए इंदौर-खरगोन वन मंडल से 453 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इसमें इंदौर वन मंडल से 407 हेक्टेयर और खरगोन वन मंडल से 46 हेक्टेयर वन भूमि शामिल है। महू वन क्षेत्र से 1,40,000 और बड़वाह वन क्षेत्र से 15,000 पेड़ काटे जाएंगे। रेलवे को अधिग्रहित वन भूमि के लिए प्रति हेक्टेयर 13 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। रेलवे उन पेड़ों के बदले दस गुना अधिक पौधे लगाएगा जो काटे जाएंगे। हालांकि, वन विभाग इस कार्य को पूरा करेगा, लेकिन पौधारोपण का खर्च रेलवे उठाएगा।