मराठी भाषा विवाद: पूर्व मरीन कमांडो का राज ठाकरे पर तीखा हमला
मराठी भाषा विवाद में पूर्व मरीन कमांडो की प्रतिक्रिया
मराठी भाषा विवाद: 26/11 के मुंबई हमलों के दौरान आतंकवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पूर्व मरीन कमांडो प्रवीण कुमार तेवतिया ने राज ठाकरे और उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) पर आरोप लगाया है कि वे भाषा और क्षेत्रीय पहचान का राजनीतिकरण कर रहे हैं। उन्होंने कड़े शब्दों में उनकी आलोचना की।
आतंकवादी हमले में छिपे थे तथाकथित योद्धा
‘आतंकवादी हमले में तथाकथित योद्धा छिप गए’
वीरता पुरस्कार विजेता और ताज होटल में 2008 के आतंकवादी हमले के जीवित बचे तेवतिया ने कहा, “जब 26/11 का आतंकवादी हमला हुआ, तो उनके तथाकथित योद्धा छिप गए और कहीं नहीं मिले। खुद राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे और उनका परिवार भी लापता था।” उन्होंने उत्तर प्रदेश और बिहार के रक्षा कर्मियों को बचाव अभियान का श्रेय दिया। उन्होंने कहा, “मैंने स्थिति को संभाला और आतंकवादियों का सामना किया। मैं भी यूपी से हूं, चौधरी चरण सिंह के गांव से हूं।”
राजनीति को विकास कार्यों से जोड़ने की अपील
तेवतिया ने राजनेताओं से आग्रह किया कि वे भाषा को राजनीति से अलग रखें। उन्होंने कहा कि लोग मराठी पर गर्व करते हैं, लेकिन इसे राजनीतिक लाभ के लिए हथियार नहीं बनाना चाहिए।
‘राजनीति करना चाहते हैं, तो विकास कार्यों और रोजगार के लिए करें’
उन्होंने कहा, “अगर आप राजनीति करना चाहते हैं, तो विकास कार्यों और रोजगार के लिए करें। राज ठाकरे और MNS ने अभी तक ऐसा कोई काम नहीं किया है।” उनकी यह टिप्पणी महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक बयानबाजी और क्षेत्रीय तनाव के संदर्भ में आई है।