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महाकुंभ महोत्सव में कल्पना पटवारी का जादू, दर्शकों ने किया आनंदित

महाकुंभ महोत्सव की अंतिम शाम भोजपुरी गायिका कल्पना पटवारी के नाम रही, जिन्होंने अपने अद्भुत गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम में विज्ञान, संस्कृति और कला का अनूठा संगम देखने को मिला, जिसमें छात्रों ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। जानें इस अद्भुत शाम के बारे में और कैसे मुख्य अतिथियों ने समारोह का शुभारंभ किया।
 

महाकुंभ महोत्सव की अंतिम शाम

महाकुंभ महोत्सव की अंतिम शाम भोजपुरी गायिका कल्पना पटवारी के नाम रही। रविवार की शाम जैसे ही वह मंच पर आईं, पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।


कल्पना ने छठ गीत “उगी हे दीनानाथ…” से अपने प्रदर्शन की शुरुआत की, जिससे दर्शक झूम उठे। इसके बाद उन्होंने स्वर कोकिला शारदा सिन्हा के प्रसिद्ध गीत “बलमुआ कइसे तेजब हे छोटी ननदी…” और “कोयल बिन बगिया…” गाकर माहौल को और भी रंगीन बना दिया।


इसके बाद “छुट्टी लेके आईं ए बलम जी…” और “हमसे भंगिया न पिसाई ए गनेश के पापा…” जैसे भक्ति गीतों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। जब उन्होंने “बम-बम बोल रहा है काशी…” और “कौने दिशा में लेके चला र बटोहिया…” गाया, तो पूरा पंडाल झूमने लगा।


विज्ञान, संस्कृति और कला का अद्भुत संगम

रविवार को जवाहरलाल नेहरू पीजी कॉलेज परिसर में महोत्सव के तीसरे दिन विज्ञान, संस्कृति, कला और साहित्य का अनूठा संगम देखने को मिला।


छात्रों ने मॉडल प्रदर्शन, नृत्य और संगीत के माध्यम से अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया।


स्कूली बच्चों की प्रस्तुतियों ने मंच पर इंद्रधनुषी छटा बिखेरी, जबकि फूड कोर्ट में दिनभर भीड़ उमड़ती रही।


सुबह 10 बजे से लेकर देर रात तक चले कार्यक्रम में राजकीय माध्यमिक सिंहपुर की बेटियों ने बिहू नृत्य और ओणम की झलक प्रस्तुत की, वहीं पं. दीनदयाल व महराजगंज इंटर कॉलेज की छात्राओं ने राजस्थानी नृत्य से समां बांध दिया।


बच्चों ने शिव तांडव नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।


मुख्य अतिथियों द्वारा शुभारंभ

शाम के मुख्य समारोह का शुभारंभ केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी, विधायक ज्ञानेंद्र सिंह (पनियरा), विधायक जयमंगल कन्नौजिया (सदर), जिला पंचायत अध्यक्ष रविकांत और डीएम संतोष कुमार शर्मा ने संयुक्त रूप से किया।


हरिहरपुर घराने का जादू

कार्यक्रम में हरिहरपुर घराने के पंडित शीतला मोहन मिश्र बंधु ने भोजपुरी गीतों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।


उनके गीत “बोलल जाला खांटी ऊ महराजगंज के माटी” पर दर्शक झूमते और ताली बजाते नहीं थक रहे थे।