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महाराष्ट्र में स्कूल की सज़ा से 12 वर्षीय छात्रा की मौत

महाराष्ट्र के वसई में एक 12 वर्षीय छात्रा की स्कूल में सज़ा के कारण मौत हो गई। काजल को देर से आने पर 100 उठक-बैठक करने के लिए कहा गया था, जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। परिवार ने शिक्षक और स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस घटना ने राजनीतिक हलचल भी पैदा कर दी है, जहां स्थानीय लोग न्याय की मांग कर रहे हैं।
 

दिल दहला देने वाली घटना

मुंबई- महाराष्ट्र के वसई से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक स्कूल में मिली सज़ा ने एक 12 वर्षीय छात्रा की जान ले ली। यह मामला हनुमंत विद्या मंदिर का है, जहां कक्षा 6 की छात्रा काजल, जिसे आशिका गौंड के नाम से भी जाना जाता है, को स्कूल में देर से पहुंचने पर 100 उठक-बैठक करने की सज़ा दी गई। इसके कुछ समय बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।


सज़ा के बाद बिगड़ी तबीयत

परिवार के अनुसार, सज़ा के दौरान काजल का बैग उसकी पीठ पर था, जिससे उसकी कमर और पीठ में तेज दर्द होने लगा। घर लौटने के बाद उसकी स्थिति लगातार deteriorate होती गई। पहले उसे नालासोपारा के अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे मुंबई के जेजे अस्पताल में रेफर किया गया। वहीं इलाज के दौरान काजल ने दम तोड़ दिया।


परिवार ने उठाए गंभीर सवाल

काजल के परिजनों ने शिक्षक को उसकी मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अमानवीय सज़ा के कारण ही बच्ची की हालत बिगड़ी। परिवार का आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने लापरवाही बरती और बच्ची को समय पर चिकित्सा सहायता नहीं दी।


राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस घटना ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने चेतावनी दी है कि जब तक दोषी शिक्षक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज नहीं होता, तब तक स्कूल नहीं खोला जाएगा। स्थानीय लोग भी न्याय की मांग को लेकर प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं।