×

महिलाओं की आर्थिक भागीदारी में वृद्धि: जीएसटी टैक्सपेयर्स में 20% महिलाएं शामिल

भारत में जीएसटी टैक्सपेयर्स में महिलाओं की भागीदारी अब 20% तक पहुंच गई है। यह आंकड़ा न केवल महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को दर्शाता है, बल्कि यह उनके उद्यमिता के प्रयासों का भी प्रतीक है। एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में यह आंकड़ा 15% था, जो अब बढ़कर 20% हो गया है। इस बदलाव के पीछे सरकारी नीतियों और जागरूकता का बड़ा हाथ है। जानें कैसे महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रही हैं।
 

महिलाओं की बढ़ती भूमिका

भारत की आर्थिक परिदृश्य में एक नई रोशनी उभर रही है। हाल ही में एसबीआई रिसर्च द्वारा जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है कि अब हर पांच जीएसटी टैक्सपेयर्स में से एक महिला है। यह आंकड़ा केवल एक संख्या नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि महिलाएं अब आर्थिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।


जब जुलाई 2017 में जीएसटी लागू हुआ था, तब महिला टैक्सपेयर्स का प्रतिशत लगभग 15% था। इसका मतलब था कि 100 जीएसटी रजिस्टर्ड व्यवसायों में से केवल 15 महिलाएं थीं। अब यह आंकड़ा बढ़कर 20% हो गया है, जो कि एक महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है।


एसबीआई रिसर्च के अनुसार, भारत में लगभग 1.4 करोड़ सक्रिय जीएसटी टैक्सपेयर्स हैं, जिसमें लगभग 28 लाख महिलाएं शामिल हैं। ये महिलाएं न केवल अपने व्यवसाय चला रही हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।


यह आंकड़ा जीएसटी रजिस्ट्रेशन से कहीं अधिक है; यह एक सामाजिक बदलाव का प्रतीक है। महिलाएं अब केवल घरेलू जिम्मेदारियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे आर्थिक रूप से स्वतंत्रता की ओर बढ़ रही हैं। वे नए व्यवसाय स्थापित कर रही हैं और रोजगार के अवसर पैदा कर रही हैं।


महिला उद्यमिता और आर्थिक समावेशन की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दर्शाता है कि सरकारी नीतियों और जागरूकता के माध्यम से महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं।