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महेंद्रगढ़ में रामलीला का मंचन: संस्कृति को जीवित रखने की आवश्यकता

महेंद्रगढ़ में रामलीला का मंचन युवा पीढ़ी में संस्कारों को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस आयोजन में भगवान राम की लीलाओं का प्रदर्शन किया गया, जिसमें कलाकारों ने अपनी कला का लोहा मनवाया। हरीश भारद्वाज ने इस अवसर पर रामलीला कमेटी को आर्थिक सहायता प्रदान की। जानें इस सांस्कृतिक कार्यक्रम के बारे में और कैसे यह समाज में सकारात्मक प्रभाव डालता है।
 

रामलीला का महत्व


महेंद्रगढ़ में रामलीला का मंचन युवा पीढ़ी में संस्कारों को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बी आर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन सेहलंग के चेयरमैन हरीश भारद्वाज ने इस अवसर पर कहा कि भगवान राम की लीलाओं से प्रेरणा लेना सभ्य समाज की स्थापना का एक सरल मार्ग है। उन्होंने रामलीला कमेटी को 15000 रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की।


उत्साह और जोश के साथ मंचन

चौदह वर्षों के बाद मोहल्ला सैनीपुरा में भगवान राम की लीला का मंचन धूमधाम से किया जा रहा है। रविवार रात को दिग्विजय की लीला का शानदार प्रदर्शन हुआ। कमेटी के प्रधान कमल सैनी और निर्देशक दिनेश मेहता ने बताया कि युवा कलाकारों की टीम ने आधुनिक सजावट और संगीत के साथ रामलीला का मंचन किया।


मुख्य आकर्षण

दिग्विजय की लीला में मेघनाद और इंद्र के संवाद को दर्शकों ने सराहा। रावण और नंदी के संवाद ने भी दर्शकों का ध्यान खींचा। रावण के अभिनय में राजेश सैनी, इंद्र के अभिनय में शिवा सैनी और मेघनाद के अभिनय में शेर सिंह मोयल ने प्रशंसा प्राप्त की।


कलाकारों की मेहनत

हनुमान रामलीला का सफल मंच संचालन रमेश शर्मा ने किया। हजारों की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि कलाकार पूरी मेहनत और लगन से काम कर रहे हैं। इस अवसर पर हनुमान रामलीला कमेटी के कई सदस्य भी उपस्थित थे।