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मिथुन मन्हास बने BCCI के नए अध्यक्ष, क्रिकेट के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कदम

28 सितंबर को मुंबई में BCCI की वार्षिक आम सभा में मिथुन मन्हास को भारतीय क्रिकेट का नया अध्यक्ष चुना गया। यह चुनाव क्रिकेट के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। नई समिति में राजीव शुक्ला, देवजित सैकिया और प्रभतेज सिंह भाटिया जैसे अनुभवी सदस्य शामिल हैं। जानें मिथुन मन्हास के क्रिकेट करियर और उनकी नई जिम्मेदारियों के बारे में।
 

मिथुन मन्हास का चुनाव

Mithun Manhas: मुंबई में 28 सितंबर को आयोजित भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की वार्षिक आम सभा (AGM) में मिथुन मन्हास को भारतीय क्रिकेट का नया अध्यक्ष चुना गया है। वे रोजर बिन्नी की जगह लेंगे और अब क्रिकेट के विकास, खिलाड़ियों के प्रदर्शन को सुधारने और नई योजनाओं को लागू करने की जिम्मेदारी संभालेंगे। यह चुनाव भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।


नई BCCI समिति के सदस्य

मिथुन मन्हास के साथ ही बीसीसीआई की नई समिति के अन्य सदस्यों की भी घोषणा की गई है। राजीव शुक्ला को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जो क्रिकेट प्रशासन और रणनीतिक योजना में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं। देवजित सैकिया को सचिव बनाया गया है, जबकि प्रभतेज सिंह भाटिया संयुक्त सचिव की भूमिका निभाएंगे। खजाने की जिम्मेदारी ए. राघुराम भाट को सौंपी गई है, जो बोर्ड के वित्त को पारदर्शी और सही तरीके से संभालेंगे।


अरुण धूमल और निरंजन शाह की नई जिम्मेदारियाँ

इसके अलावा, जयदेव निरंजन शाह को एपेक्स काउंसिल का एकमात्र सदस्य बनाया गया है, जो नीतियों पर सलाह देंगे। गवर्निंग काउंसिल में दो नए चेहरे शामिल हुए हैं, जिनमें अरुण सिंह धूमल और एम. खैरुल जमाल मजूमदार का नाम शामिल है। इन सभी का अनुभव मिलकर क्रिकेट के हर स्तर पर विकास को गति देगा।


मिथुन मन्हास का क्रिकेट सफर

मिथुन मन्हास का जन्म 12 अक्टूबर 1979 को जम्मू-कश्मीर में हुआ था। वे भारतीय घरेलू क्रिकेट के एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहे हैं, हालांकि वे कभी राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं बने। दाएं हाथ के बल्लेबाज मिथुन बहुमुखी खिलाड़ी थे, जो कभी-कभी ऑफ-स्पिन गेंदबाजी भी करते थे और जरूरत पड़ने पर विकेटकीपिंग भी कर लेते थे।


मिथुन मन्हास का क्रिकेट करियर

मिथुन मन्हास का क्रिकेट करियर 18 साल लंबा रहा। उन्होंने 157 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 9,714 रन बनाए, जिसका औसत लगभग 46 रहा। इस दौरान उनके नाम 27 शतक और 49 अर्धशतक दर्ज हैं। उनका सबसे शानदार सीजन 2007-08 था, जब उन्होंने दिल्ली को रणजी ट्रॉफी का खिताब जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उस साल कप्तानी करते हुए उन्होंने 921 रन बनाए, जिनका औसत 57.56 था।


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