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मुख्यमंत्री भगवंत मान का भावुक संदेश: तरनतारन में विकास की नई राह

पंजाब के तरनतारन में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक भावुक रोड-शो के दौरान जनता से जुड़ाव और विकास की नई दिशा पर जोर दिया। उन्होंने अपने अतीत को साझा करते हुए कहा कि उनकी सरकार किसानों और आम लोगों की समस्याओं को समझती है। मान ने 11 नवंबर के उपचुनाव को एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया, जहां जनता को यह तय करना है कि वे किस नेता पर विश्वास करेंगे। जानें उनके द्वारा किए गए वादे और योजनाएं जो पंजाब के विकास को आगे बढ़ाने के लिए हैं।
 

तरनतारन में भावनात्मक लहर


तरनतारन: पंजाब की राजनीति में इस बार तरनतारन की गलियों में एक अलग ही भावनात्मक लहर दिखाई दे रही है. आगामी 11 नवंबर के उपचुनाव से ठीक पहले, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यहां की जनता के बीच खड़े होकर जो कहा, वह शायद पारंपरिक सियासी दाँव-पेंच से बिल्कुल हटकर था.


आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू के समर्थन में विशाल रोड-शो के दौरान, जब मान ने जीप की छत से कहा, “मैं मुख्यमंत्री नहीं, दुखमंत्री हूं. आपके दुःख-सुख में हिस्सा लेने आया हूं, न कि सिर्फ कुर्सी पर बैठने,” तो हजारों लोगों की भीड़ की प्रतिक्रिया ने माहौल को भावुक बना दिया, जहां ‘इंकलाब’ के नारे गूंज उठे.


तरनतारन की मिट्टी से जुड़ाव

मुख्यमंत्री मान ने अपने अतीत को याद करते हुए तरनतारन की मिट्टी से अपना रिश्ता जोड़ा. उन्होंने कहा कि वह भी इन्हीं गाँवों से निकले हैं, साइकिल पर स्कूल जाते थे और बस की छतों पर बैठकर कॉलेज जाते थे, क्योंकि उस जमाने में छात्रों को बस के अंदर जगह नहीं मिलती थी. इस निजी अनुभव का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों की फसल बर्बाद होने का दर्द, मजदूरों की मेहनत की कीमत और आम घरों की रोजमर्रा की मुश्किलें बखूबी समझती है.


विकास की नई राह पर आगे बढ़ने का संकल्प

मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि यह इलाका पहले कई मुश्किल दौर से गुजरा है, लेकिन अब समय है कि हम सब मिलकर विकास की नई राह पर आगे बढ़ें. मान ने स्पष्ट किया कि ‘दुखमंत्री’ होने का उनका संकल्प केवल बयानों तक सीमित नहीं है. इस साल की विनाशकारी बाढ़ के दौरान, उनकी सरकार ने जिस तेजी से काम किया, वह मिसाल बन गया.


उन्होंने बताया कि हर पीड़ित को केवल 45 दिनों के भीतर 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा सुनिश्चित किया गया और दिवाली से पहले हर घर तक राहत पहुंचाई गई.


बिजली बिलों में राहत

इसके अलावा, उनकी सरकार ने महज साढ़े तीन सालों में सीधी राहत का मॉडल पेश किया है. आज पंजाब के 90 प्रतिशत घरों के बिजली बिल शून्य हैं, क्योंकि 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली हर महीने दी जा रही है. युवाओं को पूरी तरह पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया से 56,000 सरकारी नौकरियां मिली हैं, बिना किसी रिश्वत या सिफारिश के.


स्कूलों की व्यवस्था को बेहतर बनाया गया, गांव-गांव में आम आदमी क्लीनिक खोलकर मुफ्त इलाज की सुविधा पहुँचाई गई, ड्रग माफिया के बड़े सरगनाओं को जेल भेजा गया. किसानों को MSP की गारंटी और कर्ज माफी का सीधा लाभ मिल रहा है, जिससे खेतों में फिर से खुशहाली लौट रही है.


भ्रष्टाचार और बेरोजगारी का आरोप

उन्होंने कहा कि पुरानी पार्टियों ने 70 सालों में सिर्फ भ्रष्टाचार, नशा और बेरोजगारी दी, जबकि उनकी सरकार ने ईमानदारी का मॉडल दिया. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पारंपरिक दलों ने पंजाब और उसके लोगों को ‘बेरहमी से लूटा’, जिसके कारण उन्हें राज्य की सत्ता से बेदखल होना पड़ा.


प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि, "हलका तरनतारन के गांवों का जोश और जुनून आम आदमी पार्टी की जीत की गवाही खुद ब खुद दे रहा है. हमारी यह जीत आपके बच्चों के बेहतर भविष्य के हक में काम आएगी."


पंजाब का समग्र विकास

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विश्वास जताया कि राज्य सरकार ने पंजाब का समग्र विकास और लोगों की समृद्धि सुनिश्चित की है. उन्होंने दावा किया कि किसी भी ठोस मुद्दे के अभाव में विपक्ष केवल नाम के लिए ही राज्य सरकार की आलोचना कर रहा है. मान ने कहा, "हलका तरनतारन के गांवों का जोश और जुनून आम आदमी पार्टी की जीत की गवाही खुद ब खुद दे रहा है."


उन्होंने तरनतारन के लोगों से अपील की कि 11 नवंबर का दिन अब सिर्फ एक चुनाव नहीं रह गया है, बल्कि यह फैसला करेगा कि क्या लोग उस नेता पर विश्वास जताएंगे जो खुद को कुर्सी का मालिक नहीं, बल्कि जनता के सुख-दुख में साझीदार मानता है. उन्होंने जोर दिया कि "हमारी यह जीत आपके बच्चों के बेहतर भविष्य के हक में काम आएगी."