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मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब में नशे के खिलाफ अभियान की शुरुआत की

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब में नशे के खिलाफ एक व्यापक अभियान की शुरुआत की है, जिसमें सरकारी स्कूलों में सुधार और नशा-मुक्ति केंद्रों की स्थापना शामिल है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकारों ने नशे की समस्या को बढ़ावा दिया है, और अब उनकी सरकार युवाओं को जागरूक करने और नशे के खिलाफ जन आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। इस अभियान में सैकड़ों पंचायतों ने भाग लिया है और नशा तस्करों का समर्थन न करने का संकल्प लिया है।
 

मुख्यमंत्री का नशे के खिलाफ अभियान


मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि नशे के खिलाफ चल रहे अभियान में हर वर्ग का समर्थन है।


फाजिल्का: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बताया कि राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों में सुधार के लिए कई प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि अब छात्र निजी स्कूलों की बजाय सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं, जो लोगों के विश्वास को दर्शाता है। मान ने कहा कि नशे के खिलाफ ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन दुर्भाग्यवश पंजाब को ऐसी स्थिति में डाल दिया गया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकारों ने पंजाब को नशे की समस्या में धकेल दिया। उन्होंने कहा कि जब से उनकी सरकार ने कार्यभार संभाला है, तब से नशा-मुक्ति केंद्रों की स्थापना की गई है ताकि नशा छोड़ने वालों का इलाज किया जा सके। इसके साथ ही, सरकार युवाओं को कौशल विकास के लिए भी काम कर रही है ताकि वे सम्मान के साथ जीवन जी सकें।


नशे के खिलाफ जन आंदोलन

सैंकड़ों पंचायतों ने लिया नशे विरुद्ध जंग में भाग


मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के खिलाफ यह अभियान पिछले 150 दिनों से चल रहा है और सैकड़ों पंचायतों ने प्रस्ताव पारित कर नशा तस्करों का समर्थन न करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान अब जन आंदोलन का रूप ले चुका है और राज्य सरकार ने स्कूली पाठ्यक्रम में नशा विरोधी शिक्षा को शामिल किया है। मान ने बताया कि छात्रों को नशे के लक्षणों और इसके खतरों के बारे में जागरूक किया जाएगा।


राजनीतिक दृष्टिकोण

हम वोट बैंक की राजनीति नहीं करते


मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार वोट बैंक की राजनीति नहीं करती है। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों की वोट नहीं होती, फिर भी उन्हें इस समस्या के प्रति जागरूक करना महत्वपूर्ण है। मान ने कहा कि पूर्व सरकारों ने नशे के कारोबार को बढ़ावा देकर युवाओं को बर्बाद किया। उन्होंने आरोप लगाया कि ये नेता भी नशे के कारोबार में शामिल थे और उनके बच्चे सुरक्षा के साथ स्कूल जाते थे। राज्य सरकार ने इन नेताओं के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं।