मुरादाबाद में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, विधायक ने सीएम से की मुलाकात
स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति
मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और विशेषज्ञ चिकित्सकों की अनुपलब्धता के कारण स्थानीय लोगों को बेहतर उपचार के लिए बड़े शहरों पर निर्भर रहना पड़ता है। इस क्षेत्र की जनसंख्या लगभग 45 लाख है, और मुरादाबाद के गठन के कई वर्षों बाद भी यहां कोई सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं है। एकमात्र जिला अस्पताल पर ही पूरे जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं का भार है, जिसमें चिकित्सकीय सुविधाओं की कमी बनी रहती है। हर साल गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के चलते हजारों मरीजों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
विधायक की मुख्यमंत्री से मुलाकात
इन समस्याओं को लेकर मुरादाबाद नगर विधानसभा के भाजपा विधायक रितेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुरुवार को मुलाकात की। विधायक ने बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए केंद्रीय पुलिस चिकित्सालय में पर्याप्त स्थान उपलब्ध है, और अन्य सहायक सुविधाओं के लिए जिला अस्पताल का भी उपयोग किया जा सकता है। वर्तमान में अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का तुलनात्मक विवरण इस प्रकार है: अस्पताल में ब्लड बैंक, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, सीटी स्कैन की मशीनें हैं, लेकिन एमआरआई मशीन की कमी है। इसके अलावा, पैथोलॉजी, फिजियोथेरेपी, और अन्य स्वास्थ्य सहायक सेवाएं भी उपलब्ध हैं।
पुलिस चिकित्सालय का उपयोग
केंद्रीय पुलिस चिकित्सालय में पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए 96 बेड में से 20 बेड पुलिस कर्मियों के लिए आरक्षित किए गए हैं, जबकि शेष 76 बेडों का उपयोग सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए किया जा सकता है। यह चिकित्सालय जिला अस्पताल से लगभग 700 मीटर की दूरी पर स्थित है।
धार्मिक स्थल का जीर्णोद्धार
श्री गुरु जम्भेश्वर धाम विश्नोई मंदिर का जीर्णोद्धार
विधायक रितेश गुप्ता ने इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री को बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में स्थित श्री गुरु जम्भेश्वर धाम विश्नोई मंदिर एक प्राचीन और ऐतिहासिक स्थल है, जो लगभग 500 वर्ष पुराना है। यह उत्तर प्रदेश में विश्नोई समाज का एकमात्र धाम है, जहां देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। यहां हर साल विश्नोई समाज का बड़ा मेला भी लगता है। विधायक ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि इस मंदिर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए इसका जीर्णोद्धार और कोरिडोर निर्माण की स्वीकृति प्रदान करें।