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मेक्सिको सिटी में जेनरेशन जेड का विरोध: अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन

मेक्सिको सिटी में जेनरेशन जेड ने सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया, जिसमें बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ गुस्सा व्यक्त किया गया। इस प्रदर्शन में हजारों युवा शामिल हुए, जो दंडमुक्ति और अन्य व्यवस्थागत समस्याओं के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें कई लोग घायल हुए और गिरफ्तारियां हुईं। जानें इस विरोध प्रदर्शन की पूरी कहानी और इसके पीछे के कारण।
 

मेक्सिको सिटी में जेनरेशन जेड का प्रदर्शन

मेक्सिको सिटी: मेक्सिको सिटी में जेनरेशन जेड के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त किया है। हजारों की संख्या में युवा सड़कों पर उतर आए हैं, जो बढ़ते अपराध, भ्रष्टाचार और दंडमुक्ति के खिलाफ विरोध कर रहे हैं।


यह विरोध प्रदर्शन जेनरेशन जेड द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें विपक्षी दलों के पुराने समर्थकों ने भी भाग लिया। हालांकि, यह प्रदर्शन जल्दी ही हिंसक हो गया, जिसमें कई लोग घायल हुए और कई को गिरफ्तार किया गया।


राजधानी के नागरिक सुरक्षा सचिव, पाब्लो वाजक्वेज कैमाचो के अनुसार, शनिवार को हुए मार्च में 100 पुलिस अधिकारी घायल हुए, जिनमें से 40 को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।


अस्पताल में भर्ती हुए लोगों में से 36 को चोटें आईं, जबकि अन्य चार का इलाज विभिन्न चोटों के लिए किया गया। प्रमुख मीडिया आउटलेट, एल यूनिवर्सल के अनुसार, झड़पों में 20 नागरिक भी घायल हुए।


अधिकारियों ने पुष्टि की कि 20 लोगों को गिरफ्तार कर लोक अभियोजक के समक्ष पेश किया गया, जबकि अन्य 20 को प्रशासनिक अपराधों के लिए हिरासत में लिया गया।


जनरेशन जेड के मार्च के बाद मीडिया से बात करते हुए, वाजक्वेज कैमाचो ने कहा, "हम मार्च के दौरान हुई हिंसक घटनाओं की निंदा करते हैं और उन संगठित समूहों की भी निंदा करते हैं जो इन कृत्यों को समर्थन देते हैं।"


इस विरोध प्रदर्शन में विभिन्न आयु वर्ग के लोग शामिल हुए, जिसमें हाल ही में मारे गए मिचोआकेन के मेयर कार्लोस मंजो के समर्थक भी थे। वे अपने राजनीतिक आंदोलन के प्रतीक के रूप में पुआल की टोपियां पहनकर आए थे।


गौरतलब है कि मंजो की 1 नवंबर को उरुअपन में हत्या कर दी गई थी, और पुलिस ने एक 17 वर्षीय लड़के को इस मामले में गिरफ्तार किया था।


राजधानी से ली गई तस्वीरों में मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों का नागरिक सुरक्षा सचिवालय के अधिकारियों के साथ टकराव होता दिखा। इस साल कई देशों में, 1990 के दशक के अंत और 2010 के दशक की शुरुआत में पैदा हुए युवा असमानता, भ्रष्टाचार और लोकतांत्रिक पतन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।


इनमें से सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन सितंबर में नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के बाद हुआ, जिसके परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। पिछले साल, बांग्लादेश में भी ऐसे विरोध प्रदर्शन देखे गए थे।


मेक्सिको के युवा भ्रष्टाचार और हिंसक अपराधों से जुड़ी दंडमुक्ति जैसी व्यवस्थागत समस्याओं से बेहद निराश हैं।