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मोहन भागवत ने आत्मनिर्भरता पर दिया जोर, कहा- 'हर पहलू में हो आत्मनिर्भरता'

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आत्मनिर्भरता को हर क्षेत्र में आवश्यक बताया। उन्होंने युवाओं से स्वदेशी उत्पादों के उपयोग और तकनीकी कौशल में निपुणता हासिल करने की अपील की। भागवत का यह बयान वर्तमान में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण है। जानें उनके विचार और सुझावों के बारे में।
 

आत्मनिर्भरता की आवश्यकता

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने आत्मनिर्भरता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “आत्मनिर्भरता ही हर चीज की आधारशिला है। हमारे राष्ट्र को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना चाहिए, और इसकी शुरुआत घर से होनी चाहिए।”



दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि भारत को हर क्षेत्र में मजबूती से खड़ा होने के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ना होगा। भागवत ने यह भी बताया कि केवल सरकारी नीतियों पर निर्भर रहकर बदलाव नहीं लाया जा सकता, बल्कि हर नागरिक को व्यक्तिगत स्तर पर भी प्रयास करने होंगे।


उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करें, तकनीकी और कौशल में दक्षता प्राप्त करें, और समाज को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने में योगदान दें। भागवत ने कहा कि जब परिवार और समाज आत्मनिर्भर होंगे, तभी देश भी सच्चे अर्थों में आत्मनिर्भर बन सकेगा।


आरएसएस प्रमुख का यह बयान वर्तमान समय में एक महत्वपूर्ण संदेश माना जा रहा है, जब मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल जैसी पहलों के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ने का प्रयास किया जा रहा है।