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यमुनानगर में बाढ़ से प्रभावित किसानों का मुआवजे का इंतजार जारी

यमुनानगर में हाल की बाढ़ ने किसानों को गंभीर संकट में डाल दिया है। खेतों में पानी भरने और रेत जमा होने से फसलें बर्बाद हो गई हैं। सरकार ने मुआवजे का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई राशि नहीं मिली है। किसान आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं और मुआवजे की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जानें इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
 

यमुनानगर में बाढ़ का कहर

यमुनानगर (फसल मुआवजा)। हाल की भारी बारिश ने सैकड़ों खेतों को बाढ़ की चपेट में ले लिया है। इससे खेतों में रेत की मोटी परत जम गई है और फसलें भी पानी में डूब गई हैं। व्यासपुर खंड का मलिकपुर बांगर गांव इस समय सोम नदी के उफान से भरे पानी का सामना कर रहा है। खेतों से पानी की निकासी के लिए पिछले तीन महीनों से कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।


फसलों का नुकसान और मुआवजे की कमी

खेतों में पानी भरने के कारण फसलें बर्बाद हो गई हैं। सरकार ने सर्वेक्षण कर मुआवजे का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक किसानों को कोई मुआवजा नहीं मिला है। इस बार मानसून में आई तेज बारिश और बाढ़ से जिले के 527 गांवों में 3544 किसानों की 14296 एकड़ में खड़ी धान, गन्ना और पशु चारे की फसलें प्रभावित हुई हैं।


किसानों की समस्याएं

मुआवजे का बेसब्री से इंतजार


बसातियांवाला गांव के किसान मेवा राम का कहना है कि बारिश ने किसानों को दोहरी मार दी है। फसलें बर्बाद होने के साथ-साथ खेतों में रेत जमा होने से वे अन्य फसलों की बिजाई नहीं कर पा रहे हैं। सोम नदी में इस बार इतना पानी आया कि पहले कभी नहीं देखा गया। रेत ने फसलों को दबा दिया है, लेकिन मुआवजा अब तक नहीं मिला है।


कब मिलेगा मुआवजा?


किसान निरमपाल का कहना है कि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है। सोम नदी का रेत जमा होने से उनकी फसलें खराब हो गई हैं। मुआवजे की राशि कब मिलेगी, यह किसी को नहीं पता। तहसील कार्यालय में जाकर भी केवल आश्वासन ही मिलता है।


आश्वासन ही मिल रहे हैं


किसान रणबीर सिंह का कहना है कि सोम नदी की बाढ़ से काफी नुकसान हुआ है। फसलों के नुकसान और घर चलाने की चिंता में किसान रात को चैन से सो नहीं पा रहे हैं। वे बार-बार पूछते हैं कि मुआवजा कब आएगा, लेकिन किसी के पास कोई जवाब नहीं है।


घर का खर्च चलाना हुआ मुश्किल


बसातियांवाला गांव के किसान सुखविंद्र का कहना है कि सोम नदी के पानी और रेत ने फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। उन्हें उम्मीद थी कि सरकार जल्द मुआवजा देगी, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है। बिना पैसे के घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। सरकार को जल्द से जल्द मुआवजा देना चाहिए।