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यूएसएआईडी फंडिंग विवाद: भारत में चुनावी हस्तक्षेप का खंडन

भारत में यूएसएआईडी फंडिंग विवाद ने हाल ही में राजनीतिक हलचल पैदा की है। अमेरिकी दूतावास ने राष्ट्रपति ट्रंप के दावों का खंडन किया है कि यूएसएआईडी ने भारत में चुनावों के दौरान वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर का फंड दिया था। इस लेख में जानें कि कैसे भारत सरकार ने इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा और अमेरिकी दूतावास ने क्या जानकारी दी। क्या यह विवाद भारत और अमेरिका के बीच पारदर्शिता को प्रभावित करेगा? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 

यूएसएआईडी फंडिंग विवाद:

यूएसएआईडी फंडिंग विवाद: भारत में अमेरिकी दूतावास ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान का खंडन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका की विकास एजेंसी यूएसएआईडी ने भारत में चुनावों के दौरान वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर का फंड दिया था। दूतावास द्वारा संसद में प्रस्तुत किए गए आधिकारिक आंकड़ों में इस प्रकार की किसी भी फंडिंग का उल्लेख नहीं है।


सोशल मीडिया पर दावा

फरवरी में अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (Doge) ने सोशल मीडिया पर यह दावा किया था कि भारत को चुनावी फंडिंग के लिए 21 मिलियन डॉलर दिए गए थे, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया। ट्रंप ने इस दावे को बार-बार दोहराया और अपने चुनावी भाषणों में इसे मुद्दा बनाया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए यह राशि दी जा रही है।


अमेरिकी दूतावास का स्पष्टीकरण

अमेरिकी दूतावास ने किया खुलासा

इस विवाद पर भारत सरकार ने संसद में स्पष्टीकरण मांगा। सीपीएम सांसद जॉन ब्रिटास के प्रश्न के उत्तर में विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि भारत ने अमेरिकी दूतावास से पिछले 10 वर्षों में यूएसएआईडी द्वारा किए गए सभी प्रोजेक्ट्स का विवरण मांगा था। 2 जुलाई को अमेरिकी दूतावास ने जो जानकारी दी, उसमें स्पष्ट किया गया कि भारत में चुनावों से संबंधित किसी भी गतिविधि के लिए कभी भी कोई फंडिंग नहीं दी गई।


यूएसएआईडी का कार्यभार समाप्त

15 अगस्त से भारत में यूएसएआईडी बंद

विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि अमेरिका की ओर से भारत को दी गई सहायता परियोजनाओं की सूची संसद में उपलब्ध कराई गई है और उसमें चुनावी फंडिंग से संबंधित कोई प्रविष्टि नहीं है। इसके अलावा, अमेरिकी राजदूत ने यह भी सूचित किया है कि 15 अगस्त से यूएसएआईडी भारत में अपना कार्य बंद कर देगा।


बाइडेन प्रशासन पर आरोप

बाइडेन प्रशासन पर आरोप

ट्रंप ने पहले भी जो बाइडेन प्रशासन पर आरोप लगाया था कि वह भारत के चुनावों में हस्तक्षेप कर रहा है और प्रधानमंत्री मोदी की जगह किसी अन्य को समर्थन देने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने 21 मिलियन डॉलर की बात को किकबैक स्कीम तक कहा था। हालांकि, अमेरिकी दूतावास द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ट्रंप का यह दावा गलत था। इस खुलासे ने भारत और अमेरिका के बीच पारदर्शिता को स्पष्ट किया है और यह साबित कर दिया है कि भारतीय चुनावों में किसी विदेशी एजेंसी का हस्तक्षेप नहीं हुआ है।