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यूके, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने फिलिस्तीन को दी स्वतंत्रता की मान्यता

यूके, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने की घोषणा की है। इस कदम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो-राज्य समाधान को बनाए रखने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, इस फैसले से इजरायल और अमेरिका के साथ पश्चिमी देशों के संबंधों में तनाव उत्पन्न हो सकता है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इसे शांति की उम्मीद जगाने वाला कदम बताया है। जानें इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बारे में और क्या है इजरायल की प्रतिक्रिया।
 

फिलिस्तीन को मिली नई मान्यता

यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने का निर्णय लिया है। इस कदम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो-राज्य समाधान को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। हालांकि, इस फैसले से इजरायल और अमेरिका के साथ पश्चिमी देशों के संबंधों में तनाव उत्पन्न हो सकता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से पहले, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने फलस्तीन को आधिकारिक रूप से मान्यता दी। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इस घोषणा की पुष्टि की और कहा कि यह निर्णय फलस्तीन और इजरायल के लोगों के लिए शांति की उम्मीद जगाने और दो-राज्य समाधान को पुनर्जीवित करने की दिशा में उठाया गया कदम है।


ब्रिटिश पीएम की टिप्पणी

हालांकि, स्टार्मर ने यह भी स्पष्ट किया कि इसे हमास के लिए पुरस्कार के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने अपने भाषण में गाजा में भुखमरी की गंभीर स्थिति का भी उल्लेख किया।


कनाडा की पहल

यह घोषणा यूके की नीति में बदलाव के बाद आई है, जब जुलाई में स्टार्मर ने इजरायल के सामने कुछ शर्तें रखी थीं, जिनमें गाजा में युद्धविराम और मानवीय सहायता की अनुमति शामिल थी। कनाडा जी-7 देशों में पहला ऐसा देश बना जिसने फलस्तीन को मान्यता दी। प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि इस तरह से कनाडा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समन्वित प्रयासों का हिस्सा बन रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह मान्यता उन लोगों को सशक्त बनाती है जो हमास के अंत और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की कामना करते हैं।


ऑस्ट्रेलिया का समर्थन

इसके बाद, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भी इस घोषणा का समर्थन किया। इजरायल के विदेश मंत्रालय ने इसे हमास के लिए पुरस्कार करार दिया है। ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि वह फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता देता है, जिससे फिलिस्तीन के लोगों की लंबे समय से चली आ रही आकांक्षाओं को मान्यता मिलती है। उन्होंने गाजा में तत्काल युद्धविराम और बंधकों की रिहाई की आवश्यकता पर जोर दिया।


इजरायल की प्रतिक्रिया

हालांकि, इजरायल ने इस कदम की कड़ी निंदा की है। इजरायली विदेश मंत्रालय ने एक पोस्ट में कहा कि फलस्तीन को मान्यता देना जिहादी हमास के लिए पुरस्कार है। बयान में कहा गया है कि हमास के नेताओं ने पहले ही कहा है कि इस तरह की मान्यता 7 अक्टूबर की घटना का परिणाम है। उल्लेखनीय है कि अब तक 150 से अधिक देशों ने फिलिस्तीन को मान्यता दी है।


फ्रांस की स्थिति

फ्रांस पहले ही कर चुका है घोषणा

हाल ही में, इजरायल पर दबाव बनाने की रणनीति में फ्रांस सबसे आगे रहा है। राष्ट्रपति मैक्रों ने पहले ही कहा था कि सितंबर के यूएनजीए सत्र के दौरान उनका देश फिलिस्तीन को संप्रभु देश के रूप में मान्यता देगा। उन्होंने इस कदम से क्षेत्र में शांति की उम्मीद जताई थी।