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यूक्रेन पर रूस का सबसे बड़ा हवाई हमला: क्या है इसके पीछे की कहानी?

यूक्रेनी वायु सेना ने हाल ही में रूस द्वारा किए गए सबसे बड़े हवाई हमले की जानकारी दी है, जिसमें 574 ड्रोन और 40 मिसाइलें शामिल थीं। यह हमला पश्चिमी यूक्रेन के क्षेत्रों को निशाना बनाते हुए किया गया, जहां सैन्य सहायता पहुंची थी। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इसे शांति प्रयासों में बाधा डालने वाला कदम बताया है। इस बीच, अमेरिका के नेतृत्व में शांति वार्ताओं को फिर से शुरू करने का दबाव बढ़ रहा है। जानें इस हमले के पीछे की कहानी और संभावित शांति वार्ताओं के बारे में।
 

रूस-यूक्रेन संघर्ष में नया मोड़

रूस-यूक्रेन संघर्ष: यूक्रेनी वायु सेना ने गुरुवार को बताया कि रूस ने इस वर्ष का सबसे बड़ा हवाई हमला यूक्रेन पर किया है। इस ऑपरेशन के दौरान रात भर 574 ड्रोन और 40 बैलिस्टिक तथा क्रूज मिसाइलें छोड़ी गईं, जो संख्या के अनुसार इस साल का तीसरा सबसे बड़ा ड्रोन आक्रमण और आठवां सबसे बड़ा मिसाइल हमला था।


पश्चिमी क्षेत्रों पर हमला

रूस के हमलों का मुख्य निशाना पश्चिमी यूक्रेन के क्षेत्र थे, जहां पश्चिमी सहयोगियों द्वारा भेजी गई सैन्य सहायता पहले से मौजूद थी। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन लोग घायल हुए, जबकि मुकाकोवो में एक अमेरिकी स्वामित्व वाली इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री को निशाना बनाकर कई लोग घायल हुए।


शांति प्रयासों के बीच बढ़ता तनाव

यह हमला उस समय हुआ है जब अमेरिका के नेतृत्व में शांति वार्ताओं को फिर से शुरू करने का दबाव बढ़ रहा है। अमेरिका ने अलास्का में पुतिन और ट्रंप के बीच वार्ता का आयोजन किया था, और व्हाइट हाउस में ज़ेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं की बैठक भी हुई थी।


जेलेंस्की का कड़ा बयान

राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस हमले की कड़ी निंदा की है, यह कहते हुए कि ऐसा हमला कुछ भी नहीं बदलता। वे इसे रूस द्वारा शांति प्रयासों में बाधा डालने वाला कदम मानते हैं।


रूस का दृष्टिकोण

रूसी रक्षा मंत्रालय ने इस हमले को "यूक्रेनी सैन्य-औद्योगिक परिसर" पर लक्षित बताया, जिसमें ड्रोन फैक्ट्रियां, मिसाइल डिपो और संचालन स्थल शामिल हैं। हालांकि, रूस का कहना है कि वह नागरिक क्षेत्रों को निशाना नहीं बनाता, जबकि यूक्रेन भी रूस के बुनियादी ढांचे पर घरेलू निर्मित लंबी दूरी के ड्रोन हमले जारी रखे हुए है।


शांति वार्ताओं की संभावनाएं

जेलेंस्की ने संकेत दिया है कि अगले दस दिनों में उन्हें सुरक्षा गारंटी से संबंधित स्पष्ट उत्तर मिल सकते हैं, जिसके बाद वे पुतिन से प्रत्यक्ष या त्रिपक्षीय बातचीत करने के लिए तैयार होंगे, जिसमें ट्रंप भी शामिल हो सकते हैं। संभावित स्थान स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया या तुर्की हो सकते हैं।