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यूक्रेन संकट: रूस के विदेश मंत्री ने पश्चिमी देशों की सुरक्षा गारंटी पर उठाए सवाल

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने के पश्चिमी देशों के प्रयासों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि रूस को शामिल किए बिना सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास व्यर्थ है। हाल ही में कोस्तियांतिनिव्का पर हुए हमले में कई लोग मारे गए हैं। इसके अलावा, ओडेसा के गैस वितरण केंद्र पर भी रूस ने हमला किया है, जिससे ऊर्जा आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। जानें इस संकट की पूरी जानकारी और रूस की रणनीति के बारे में।
 

रूस की सुरक्षा गारंटी पर लावरोव का बयान

सर्गेई लावरोव: रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने के प्रयासों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि रूस को शामिल किए बिना यूक्रेन को सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास एक ऐसा रास्ता है, जिसका कोई स्पष्ट परिणाम नहीं निकल सकता। लावरोव ने यूरोपीय नेताओं को अनाड़ी बताते हुए कहा कि वे वास्तविकता को समझने में असफल रहे हैं। हाल ही में ये नेता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने व्हाइट हाउस गए थे, लेकिन वहां उन्होंने स्थिति को सामान्य करने के लिए कोई ठोस सुझाव नहीं दिए।


रूसी सेना का कोस्तियांतिनिव्का पर हमला

कोस्तियांतिनिव्का पर हमले की जानकारी


रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन के कोस्तियांतिनिव्का शहर पर हाल ही में हमला किया, जिसमें तीन लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए। इस औद्योगिक शहर को रूसी सेना ने तीन दिशाओं से घेर लिया है और लगातार हमले जारी हैं। क्षेत्रीय गवर्नर वादिम फिलाश्किन ने बताया कि नागरिकों को हमलों से बचने के लिए शहर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। सुमी क्षेत्र में भी रूसी हमलों में 14 लोग घायल हुए, जिनमें तीन बच्चे शामिल हैं।


पोलैंड में रूस के ड्रोन हमले

इस बीच, पोलैंड के रक्षा मंत्री व्लादिस्लाव कोसिनियक ने आरोप लगाया है कि रूस नाटो देशों को उकसाने का प्रयास कर रहा है। हाल ही में रूस के ड्रोन हमले पोलैंड के पूर्वी हिस्से तक पहुंचे, लेकिन वे जल्दी ही वापस लौट गए।


ओडेसा का गैस वितरण केंद्र पर हमला

गैस वितरण केंद्र पर रूस का हमला


रूस ने ओडेसा के गैस वितरण केंद्र को भी निशाना बनाया है, जिससे ऊर्जा आपूर्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। रूस की इस सक्रियता के बावजूद, पश्चिमी देशों का रुख अभी भी युद्धविराम की दिशा में कोई ठोस कदम उठाने का नहीं है और यूक्रेन की स्थिति में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं दिखाई दे रहा है।