यूरोप में रूस-नाटो तनाव: क्या युद्ध का खतरा बढ़ रहा है?
रूस और नाटो के बीच बढ़ता तनाव
यूरोप में रूस और नाटो के बीच तनाव में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे युद्ध का खतरा और भी गहरा हो गया है। हाल ही में, पोलैंड ने आरोप लगाया कि रूस के दो फाइटर जेट बाल्टिक सागर में पेट्रोबाल्टिक तेल और गैस प्लेटफॉर्म के निकट उड़ान भर रहे थे। पोलैंड ने इसे सुरक्षा क्षेत्र का उल्लंघन मानते हुए रूस की “लापरवाह हरकत” कहा।
रूस का चुनौतीपूर्ण कदम
पोलैंड का कहना है कि रूस के जेट विमानों का प्लेटफॉर्म के निकट उड़ना नाटो और रूस के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है। इस घटना ने यूरोप में सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया है। नाटो की प्रवक्ता एलिसन हार्ट ने इसे गठबंधन के लिए एक स्पष्ट चुनौती बताया। यह घटना तब हुई जब नाटो ने पहले ही रिपोर्ट की थी कि रूसी विमान बिना अनुमति के एस्टोनियाई हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर गए थे।
नाटो की प्रतिक्रिया और F-35 विमानों की तैनाती
बाल्टिक सागर के तनावपूर्ण माहौल में, नाटो ने इटली के F-35 लड़ाकू विमानों को तैनात किया है ताकि वे स्थिति को संभाल सकें और रूसी विमानों को चेतावनी दे सकें। इन विमानों का उद्देश्य रूसी जेट्स को पीछे हटाना और क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। पोलैंड की सेना ने बताया कि रूसी जेट्स कम ऊंचाई पर उड़ रहे थे और उनके पास कोई उड़ान योजना नहीं थी।
एस्टोनियाई हवाई क्षेत्र में घुसपैठ
एस्टोनियाई रक्षा बलों ने बताया कि तीन रूसी मिग-31 जेट बिना अनुमति के वैंडलू द्वीप क्षेत्र में प्रवेश कर लगभग 12 मिनट तक एस्टोनियाई हवाई क्षेत्र में रहे। इन विमानों के ट्रांसपोंडर बंद थे और उनके पास एस्टोनियाई हवाई यातायात नियंत्रण के साथ कोई संचार नहीं था। यह कार्रवाई क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है।
यूरोपीय नेताओं की प्रतिक्रिया
यूरोपीय संघ के वरिष्ठ राजनयिक और एस्टोनिया की पूर्व प्रधानमंत्री काजा कल्लास ने रूस पर खतरनाक उकसावे का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि इससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ेगा। वहीं, यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि खतरे बढ़ने पर यूरोपीय संघ का दबाव भी बढ़ेगा। उन्होंने रूस के खिलाफ यूक्रेन युद्ध को लेकर आर्थिक प्रतिबंधों का 19वां पैकेज पेश किया है, जिससे मास्को पर आर्थिक दबाव और सख्त होगा।
युद्ध का खतरा
यूक्रेन युद्ध और रूस की बढ़ती आक्रामकता के बीच यह घटनाक्रम यूरोप में सुरक्षा संकट को और गहरा कर रहा है। बाल्टिक सागर में फाइटर जेट्स की गतिविधियों ने नाटो और रूस के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ऐसे उल्लंघन और उकसावे जारी रहे, तो क्षेत्र में युद्ध की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना बढ़ सकती है। नाटो देशों ने स्थिति पर निगरानी बढ़ा दी है और किसी भी अप्रत्याशित घटना से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं।