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योगी सरकार ने 24,496.98 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया

योगी आदित्यनाथ की सरकार ने विधानसभा में 24,496.98 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया है, जिसका उद्देश्य प्रदेश में विकास की निरंतरता बनाए रखना और आवश्यक क्षेत्रों में संसाधनों को बढ़ाना है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इस बजट में औद्योगिक विकास, स्वास्थ्य, ऊर्जा और महिला कल्याण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। इसके साथ ही, वित्तीय अनुशासन बनाए रखने का भी आश्वासन दिया गया है।
 

लखनऊ में अनुपूरक बजट की प्रस्तुति

लखनऊ। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सोमवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 24,496.98 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इस बजट को प्रदेश में विकास की निरंतरता बनाए रखने और आवश्यक क्षेत्रों में अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराने के लिए लाया गया बताया। उन्होंने कहा कि 2025-26 के लिए मूल बजट 808,736.06 करोड़ रुपये था, और अनुपूरक बजट मूल बजट का 3.03 प्रतिशत है। इस प्रकार, कुल बजट अब 833,233.04 करोड़ रुपये हो गया है।


राजस्व और पूंजीगत व्यय का संतुलन

अनुपूरक बजट में राजस्व व्यय के लिए 18,369.30 करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय के लिए 6,127.68 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सरकार का लक्ष्य राजस्व आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ आधारभूत ढांचे को मजबूत करना है।


प्रमुख क्षेत्रों को मिली प्राथमिकता

वित्त मंत्री ने बताया कि इस बजट में औद्योगिक विकास के लिए 4,874 करोड़ रुपये, ऊर्जा क्षेत्र के लिए 4,521 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए 3,500 करोड़ रुपये, नगर विकास के लिए 1,758.56 करोड़ रुपये और तकनीकी शिक्षा के लिए 639.96 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।


महिला, शिक्षा और कृषि के लिए विशेष प्रावधान

अनुपूरक बजट में सामाजिक क्षेत्रों पर भी ध्यान दिया गया है। महिला एवं बाल विकास के लिए 535 करोड़ रुपये, यूपीनेडा (सौर एवं नवीकरणीय ऊर्जा) के लिए 500 करोड़ रुपये, मेडिकल एजुकेशन के लिए 423.80 करोड़ रुपये और गन्ना एवं चीनी मिल क्षेत्र के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।


वित्तीय अनुशासन और जीडीपी में वृद्धि

वित्त मंत्री ने कहा कि योगी सरकार ने हमेशा एफआरबीएम अधिनियम का पालन किया है और वित्तीय अनुशासन को बनाए रखा है। उत्तर प्रदेश की जीडीपी 31.14 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है, जो पहले के अनुमानों से अधिक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य अब रेवेन्यू सरप्लस स्टेट के रूप में उभर रहा है।


अनुपूरक बजट का उद्देश्य

जब किसी वित्तीय वर्ष में स्वीकृत धनराशि वास्तविक आवश्यकताओं के लिए अपर्याप्त हो जाती है, तब अनुपूरक अनुदान की मांग विधानमंडल के समक्ष प्रस्तुत की जाती है। कई बार नई मदों पर व्यय की आवश्यकता होती है या योजनाओं में महत्वपूर्ण परिवर्तन के कारण विधानमंडल की स्वीकृति अनिवार्य हो जाती है।