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योगी सरकार ने किसानों के लिए बढ़ाए न्यूनतम समर्थन मूल्य

योगी आदित्यनाथ की सरकार ने किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए धान और मोटे अनाज के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की है। इस फैसले से लाखों किसान सीधे लाभान्वित होंगे। सरकार ने 60 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है और खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए कई उपाय किए हैं। किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान किया जाएगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
 

किसानों को मिली बड़ी राहत

लखनऊ में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। शुक्रवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में धान और मोटे अनाज के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दी गई। सरकार का कहना है कि यह कदम किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने के लिए उठाया गया है, जिससे लाखों किसान लाभान्वित होंगे।


एमएसपी में वृद्धि की जानकारी

केंद्र सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित दरों के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने धान के एमएसपी में 69 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है। अब सामान्य धान 2369 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान 2389 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदा जाएगा। इसके अलावा, बाजरा का एमएसपी 2775 रुपये, मक्का का 2400 रुपये और ज्वार (हाइब्रिड) का 3699 रुपये तथा ज्वार (मालदांडी) का 3749 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।


खरीद केंद्रों की स्थापना

खरीद केंद्रों और लक्ष्य पर जोर


इस सीजन में सरकार ने 60 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 3300 क्रय केंद्र पहले से खोले जा चुके हैं और 700 नए केंद्र खोलने की योजना है। बाजरा के लिए 300, ज्वार के लिए 80 और मक्का के लिए 75 केंद्र खोले जाएंगे। खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए नमी मापक यंत्र, जीपीएस युक्त वाहनों और ई-उपार्जन पोर्टल का उपयोग किया जाएगा।


भुगतान प्रक्रिया में सुधार

किसानों को सीधा फायदा और भुगतान व्यवस्था


सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों से खरीदी गई उपज का भुगतान 48 घंटे के भीतर सीधे उनके बैंक खातों में किया जाएगा। इसके लिए भारत सरकार के पीएफएमएस पोर्टल का उपयोग किया जाएगा। खरीद प्रक्रिया को आधार और बायोमेट्रिक सत्यापन से जोड़ा गया है ताकि कोई गड़बड़ी न हो सके। इसके साथ ही, मिलर्स को समय पर चावल जमा कराने पर प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।


वित्तीय सहायता की व्यवस्था

सहकारी संस्थाओं को वित्तीय गारंटी


धान खरीद के लिए बड़ी राशि की आवश्यकता होगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव फेडरेशन (पीसीएफ) और कोआपरेटिव यूनियन (पीसीयू) को नाबार्ड से ऋण लेने की गारंटी सरकार ने दी है। पीसीएफ 4000 करोड़ रुपये और पीसीयू 1500 करोड़ रुपये का अल्पकालिक ऋण लेंगे। ब्याज की प्रतिपूर्ति अधिकतम 60 दिन तक की जाएगी ताकि संस्थाओं पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।