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रतलाम-नागदा रेलखंड के लिए तीसरी और चौथी लाइन को मिली मंजूरी

प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत रतलाम-नागदा रेलखंड की तीसरी और चौथी रेल लाइन को मंजूरी दी गई है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा की, जो मध्य प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। इस परियोजना से न केवल रोजगार सृजन होगा, बल्कि पर्यावरणीय लाभ भी होंगे। जानें इस परियोजना के अन्य लाभ और मुख्यमंत्री का क्या कहना है।
 

महत्वपूर्ण रेल परियोजना की घोषणा

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत रतलाम-नागदा रेलखंड की तीसरी और चौथी रेल लाइन को मंजूरी देने की घोषणा केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में की।


इस अवसर पर उज्जैन-अलोट के सांसद अनिल फिरोजिया मंच पर उपस्थित थे, जबकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वर्चुअल माध्यम से जुड़े। राज्य सरकार के मंत्री चेतन्य कश्यप, सांसद अनीता नागर सिंह चौहान, विधायक मथुरा लाल डामर और विधायक डॉ. तेज बहादुर सिंह चौहान भी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए।


परियोजना का महत्व

रेल मंत्री ने बताया कि यह परियोजना मध्य प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए नई परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा रही है। रतलाम-नागदा रेल सेक्शन की कुल लंबाई 41 किलोमीटर होगी, जिसमें तीसरी और चौथी लाइन के साथ चार ट्रैक होंगे, और इसकी कुल लागत ₹1,018 करोड़ निर्धारित की गई है।


रतलाम जंक्शन देश के प्रमुख रेलवे जंक्शनों में से एक है, जो उत्तर (नागदा), दक्षिण (वडोदरा), पूर्व (इंदौर) और पश्चिम (चित्तौड़गढ़) की ओर सीधी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करता है। इस परियोजना से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और दिल्ली को पश्चिमी तट के बंदरगाहों से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।


परियोजना के पर्यावरणीय लाभ

रेल मंत्री ने यह भी बताया कि यह परियोजना ‘जीरो कार्बन’ लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे हर साल लगभग 38 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी आएगी, जो लगभग 1.5 करोड़ पेड़ों के बराबर है। 11वें वर्ष तक यह संख्या बढ़कर 16.5 करोड़ पेड़ों के बराबर होगी। इसके अलावा, 7.5 करोड़ लीटर डीज़ल की बचत भी संभव होगी।


इस परियोजना से लगभग 27 लाख मानव-दिवस का रोजगार भी सृजित होगा। यह रतलाम क्षेत्र को नागदा थर्मल पावर प्लांट, विस्कोस फाइबर और केमिकल प्लांट जैसी औद्योगिक इकाइयों से बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। कृषि उत्पादों, कोयला, कंटेनर और पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन में भी तेजी आएगी।


पर्यटन को बढ़ावा

यह परियोजना खजुराहो, ग्वालियर, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, ओंकारेश्वर, सांची, उज्जैन, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, अमरकंटक और भीम जन्मभूमि जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ने में मदद करेगी, जिससे राज्य के पर्यटन उद्योग को नया बल मिलेगा।


रेल मंत्री ने यह भी बताया कि हाल ही में दिल्ली से डॉ. अंबेडकर नगर के लिए एक नई ट्रेन सेवा शुरू की गई है। इसके अलावा, रीवा-सतना-जबलपुर-पुणे, जबलपुर-रायपुर और ग्वालियर-पुणे-भोपाल-बेंगलुरु के लिए तीन नई ट्रेन सेवाओं को भी मंजूरी दी गई है। इनकी समय-सारणी तय हो चुकी है और ये जल्द ही शुरू होंगी।


मुख्यमंत्री का बयान

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि यह केवल एक नई सुविधा नहीं है, बल्कि विकास के एक नए युग का द्वार है। वास्तव में, आज मध्य प्रदेश का स्वर्णकाल चल रहा है।