राजस्थान में मानसून की वापसी: 15 सितंबर के बाद फिर से बारिश की संभावना
राजस्थान का मौसम
राजस्थान मौसम: राजस्थान में हाल के दिनों में भारी बारिश रुक गई है और मौसम अब शुष्क हो गया है। हालांकि, यह राहत ज्यादा समय तक नहीं रहने वाली है, क्योंकि भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 15 सितंबर के बाद फिर से बारिश की संभावना जताई है। दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तर-पश्चिम भारत की ओर लौट रहा है, और इसकी शुरुआत पश्चिमी राजस्थान से हो सकती है।
मानसून की वापसी के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ
आईएमडी के अनुसार, मौजूदा हालात मानसून की वापसी के लिए अनुकूल हैं। इसका मतलब है कि 15 सितंबर के आसपास राज्य के विभिन्न हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है। यह बारिश किसानों और स्थानीय निवासियों के लिए राहत का कारण बनेगी, क्योंकि इसका कृषि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
पिछले 5 वर्षों में जल्दी आया मानसून
जल्दी आगमन
सामान्यतः मानसून 1 जून को केरल में आता है और 8 जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है। इस बार, मानसून 8 जुलाई की सामान्य तिथि से 9 दिन पहले ही पूरे देश में पहुंच गया था। यह 2020 के बाद पहली बार है जब इतनी जल्दी बारिश शुरू हुई। 2009 के बाद यह मानसून का सबसे जल्दी आगमन है।
केरल में मानसून का आगमन
24 मई को केरल में दस्तक
इस वर्ष, मानसून 24 मई को केरल पहुंच गया था, जबकि सामान्यतः यह 1 जून को आता है। 2009 के बाद यह पहली बार है जब मानसून इतना जल्दी आया। उस समय भी यह 23 मई को दस्तक दे चुका था।
पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
अतिरिक्त बारिश का कारण
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, सक्रिय मानसून के साथ पश्चिमी विक्षोभ ने अतिरिक्त बारिश का कारण बना। इस प्रणाली ने राजस्थान और आस-पास के क्षेत्रों में बारिश की स्थिति को और तेज किया।
हाल की बारिश में कमी
बारिश का थमना
पिछले 3-4 दिनों से राज्य में बारिश का सिलसिला लगभग थम गया है और मौसम शुष्क बना हुआ है। लेकिन मौसम विभाग का अनुमान है कि 15 सितंबर के बाद फिर से बादल सक्रिय होंगे।
किसानों के लिए फायदेमंद बारिश
किसानों के लिए राहत
राजस्थान में मानसून की वापसी से पहले होने वाली यह अतिरिक्त बारिश किसानों के लिए लाभकारी हो सकती है। इससे खरीफ फसलों को अतिरिक्त नमी मिलेगी और उत्पादन में सुधार की संभावना है।
मानसून की सामान्य वापसी
मानसून की सामान्य वापसी का समय
आमतौर पर, मानसून 17 सितंबर से उत्तर-पश्चिम भारत से लौटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से लौट जाता है। इस बार भी लगभग इसी समय सीमा में मानसून के लौटने की संभावना है।