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राजस्थान में स्कूल बस की छत पर बच्चों की खतरनाक यात्रा का वीडियो वायरल

राजस्थान में एक वायरल वीडियो ने स्कूल बसों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वीडियो में बच्चे बस की छत पर बैठे नजर आ रहे हैं, जो उनकी जान के लिए खतरा है। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं और प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल उठाए हैं। जानकारों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में परिवहन की कमी के कारण ऐसी खतरनाक स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं। इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।
 

जयपुर में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल


जयपुर: राजस्थान से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने प्रशासन और परिवहन व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. एक वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि स्कूल जाने वाले बच्चे बस के अंदर ही नहीं, बल्कि उसकी छत पर भी ठसाठस भरे हुए हैं.


बस की छत पर बच्चों की भीड़

धूल भरी कच्ची सड़क पर तेज रफ्तार से दौड़ती इस बस में बैठे मासूम बच्चे अपनी जान जोखिम में डालते नजर आ रहे हैं. वीडियो के सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया है और इसे बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बताया जा रहा है.


वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि बस के अंदर पहले से ही बच्चों की भीड़ है. इसके बावजूद, दर्जनों बच्चे बस की छत पर बैठे हुए हैं. कई बच्चे बिना किसी सुरक्षा के एक-दूसरे से सटकर बैठे हैं. जैसे ही बस आगे बढ़ती है, धूल का गुबार उड़ता है और हल्का सा झटका भी बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है. वीडियो में यह भी दिख रहा है कि न तो बच्चों के पास कोई सेफ्टी गियर है और न ही बस पर किसी तरह का नियंत्रण नजर आता है.


सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा



वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं. यूजर्स ने सवाल उठाया कि ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ आखिर कहां हैं. कई लोगों ने लिखा कि यह सीधा-सीधा बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ है और जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. कुछ यूजर्स का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में स्कूल बसों की भारी कमी है, जिसके चलते इस तरह की खतरनाक व्यवस्थाएं देखने को मिलती हैं.


एक यूजर ने लिखा कि बस मालिक और ड्राइवर को तुरंत गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जानी चाहिए. वहीं दूसरे ने सवाल किया कि सरकार बच्चों के लिए अतिरिक्त बसों की व्यवस्था क्यों नहीं करती. कुछ लोगों ने यह भी कहा कि बच्चों की जान की कीमत क्या इतनी कम है कि उन्हें इस तरह छत पर बैठाकर स्कूल भेजा जा रहा है.


ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन की समस्या

जानकारों का मानना है कि राजस्थान के कई ग्रामीण इलाकों में स्कूलों तक पहुंचने के लिए पर्याप्त परिवहन साधन उपलब्ध नहीं हैं. सरकारी और निजी बसों की संख्या कम होने के कारण स्कूल प्रबंधन और बस संचालक क्षमता से कहीं ज्यादा बच्चों को ढोने पर मजबूर हो जाते हैं. इसका सीधा असर बच्चों की सुरक्षा पर पड़ता है.


प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल

इस वीडियो ने प्रशासन और परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. नियमों के मुताबिक स्कूल बसों में तय क्षमता से ज्यादा बच्चों को बैठाने की अनुमति नहीं है. बस की छत पर सवारी करना न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि बेहद खतरनाक भी है. इसके बावजूद इस तरह के मामले सामने आना व्यवस्था की बड़ी चूक को दर्शाता है.