राज्यसभा में ऑनलाइन गेमिंग बिल का पास होना: क्या है इसके पीछे की कहानी?
महत्वपूर्ण विधेयक का पारित होना
Online Gaming Bill: गुरुवार को राज्यसभा में एक महत्वपूर्ण विधेयक पारित किया गया, जो ऑनलाइन गेमिंग के प्रचार और विनियमन से संबंधित है। विपक्षी दलों के विरोध और हंगामे के बावजूद, इसे ध्वनिमत से मंजूरी दी गई। उपसभापति हरिवंश ने विधेयक को स्वीकृति दी और इसके तुरंत बाद सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
विधेयक का उद्देश्य
विधेयक का उद्देश्य क्या है?
यह विधेयक केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा उच्च सदन में प्रस्तुत किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स जैसे गैर-मौद्रिक खेलों को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही, यह सभी प्रकार के ऑनलाइन मनी गेम्स पर सख्त प्रतिबंध लगाने का प्रावधान करता है, जिनमें पैसे लगाकर मौद्रिक इनाम जीतने की संभावना होती है।
लोकसभा की मंजूरी
लोकसभा पहले ही दे चुकी है मंजूरी
इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किए जाने से पहले लोकसभा में पारित किया जा चुका था। अब राज्यसभा की मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बनने की दिशा में एक और कदम बढ़ चुका है।
प्रतिबंध के दायरे
क्या होगा प्रतिबंध के दायरे में?
विधेयक के अनुसार, सभी ऑनलाइन गेम्स जिनमें पैसे जमा कर इनाम जीतने की संभावना होती है, उन्हें "ऑनलाइन मनी गेम्स" की श्रेणी में रखा गया है। इन पर न केवल प्रतिबंध लगेगा, बल्कि ऐसे खेलों के विज्ञापनों पर भी रोक लगाई जाएगी।
वित्तीय संस्थाओं पर रोक
वित्तीय संस्थाओं पर भी लगाम
विधेयक के एक महत्वपूर्ण प्रावधान के तहत, बैंक और वित्तीय संस्थाएं इन मनी गेम्स के लिए न तो फंड उपलब्ध करा सकेंगी और न ही लेन-देन की अनुमति दी जाएगी। इसका उद्देश्य इस तरह की गतिविधियों की आर्थिक जड़ को समाप्त करना है।
संशोधन प्रस्तावों का खारिज होना
संशोधन प्रस्ताव खारिज
राज्यसभा में कुछ विपक्षी नेताओं ने इस विधेयक में संशोधन के प्रस्ताव रखे थे, जिन्हें विचार के बाद अस्वीकार कर दिया गया। इसके बाद विधेयक को मूल रूप में ही पारित किया गया।
सरकार की स्पष्ट मंशा
सरकार की मंशा स्पष्ट
सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह ऐसे गेम्स को प्रोत्साहन देना चाहती है जो कौशल, तकनीक और मनोरंजन से जुड़े हों, लेकिन वे खेल जो लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचा सकते हैं या जुए की तरह काम करते हैं, उन पर सख्त कार्यवाही होगी.