राष्ट्रपति मुर्मू का स्वतंत्रता दिवस पर संदेश: आतंकवाद के खिलाफ मानवता की लड़ाई
राष्ट्रपति का संदेश
नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय सेना के साहस की सराहना करते हुए कहा कि यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ मानवता की एक महत्वपूर्ण लड़ाई थी। उन्होंने पहलगाम कांड, ऑपरेशन सिंदूर, कश्मीर रेल प्रोजेक्ट, और देश में हो रहे विकास कार्यों के साथ-साथ लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था की मजबूती पर भी अपने विचार साझा किए।
राष्ट्रपति ने कहा, 'पहलगाम में हुआ हमला कायरता का प्रतीक था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना ने सीमा पार आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट किया।' उन्होंने यह भी कहा, 'भारत लोकतंत्र की जननी है, और हमारे लिए संविधान सर्वोच्च है। कल जब हम अपने तिरंगे को सलामी देंगे, तब हम उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को भी श्रद्धांजलि देंगे।'
राष्ट्रपति ने देश में हो रहे विकास कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा, 'कश्मीर घाटी में रेल सेवा का आरंभ एक बड़ी उपलब्धि है, जो व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा।' उन्होंने यह भी बताया कि आयुष्मान योजना का लाभ 55 करोड़ लोगों को मिला है। द्रौपदी मुर्मू ने कहा, 'हमारे संविधान में चार मूल्यों का उल्लेख है, जो हमारे लोकतंत्र के चार स्तंभ हैं: न्याय, आजादी, समता और बंधुता। इन मूल्यों में व्यक्ति की गरिमा की अवधारणा निहित है।'
अपने आधे घंटे के संबोधन में, राष्ट्रपति ने कहा, 'हमारे लोकतंत्र पर आधारित संस्थाओं का निर्माण किया गया है, जिससे लोकतांत्रिक कार्यशैली को मजबूती मिली है। हमारे लिए संविधान और लोकतंत्र सर्वोपरि हैं। विभाजन की पीड़ा को हमें कभी नहीं भूलना चाहिए।' उन्होंने आगे कहा, 'आज हमने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया, जिसमें विभाजन के कारण हुई भयावह हिंसा और लाखों लोगों के विस्थापन को याद किया गया। आज हम उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जो इतिहास की गलतियों का शिकार हुए।'