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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी समारोह में समाज का उत्साह

जालंधर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष समारोहों में समाज का उत्साह देखने को मिला। समारोह में डॉ. हेडगेवार की देशभक्ति और संघ की स्थापना का उद्देश्य चर्चा का विषय रहा। विभिन्न स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने इस उत्सव को और भी खास बना दिया। जानें समारोह की अन्य महत्वपूर्ण बातें और संस्कृति की समृद्धि के बारे में।
 

समाज में उत्साह का माहौल

जालंधर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष समारोहों को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। संघ की स्थापना की सौवीं वर्षगांठ के अवसर पर आज महानगर में सात स्थानों पर समारोह आयोजित किए गए, जहां पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवकों के साथ-साथ कई गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहे।


डॉ. हेडगेवार की देशभक्ति

श्रद्धानन्द नगर में साईंदास सीनियर सेकेण्डरी स्कूल में आयोजित समारोह में संघ की सामाजिक समरसता गतिविधि के उत्तर क्षेत्र संयोजक प्रमोद कुमार ने बताया कि संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी जन्मजात देशभक्त थे। उन्होंने अपने बचपन में इंग्लैंड की महारानी के जन्मदिन पर लड्डू लेने से मना कर दिया और एक बार सुरंग के रास्ते से किले की दीवार पर चढ़कर अंग्रेजों का ध्वज उतार दिया। इसके लिए उन्हें शारीरिक दंड भी झेलना पड़ा।


संघ की स्थापना का उद्देश्य

प्रमोद कुमार ने कहा कि डॉ. हेडगेवार ने समाज को देशभक्ति, संगठन और अनुशासन का पाठ पढ़ाने के लिए संघ की स्थापना की। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में स्वयंसेवकों की भागीदारी और आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए उनके संघर्ष का उल्लेख किया। 1962 में चीन के साथ युद्ध के दौरान संघ के स्वयंसेवकों ने सेना और सरकार का समर्थन किया।


संस्कृति की समृद्धि

पठानकोट बाईपास में बल्ले बल्ले फार्म में आयोजित समारोह में पंजाब प्रान्त के बौद्धिक प्रमुख बलजिंद्र सिंह ने कहा कि उत्सवों की अधिकता हमारी सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि भारत में साल भर में एक हजार से अधिक त्योहार मनाए जाते हैं, जो हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।


अन्य समारोहों की जानकारी

महानगर में विभिन्न स्थानों पर आयोजित समारोहों में कई प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया। रामलीला ग्राउंड में श्री हरगोबिन्द नगर के कार्यक्रम में श्री पिंकी जुल्का और श्री संजीवन सिंह धालीवाल उपस्थित रहे। इसी तरह, हकीकत नगर और कृष्ण नगर में भी समारोह आयोजित किए गए, जहां विभिन्न अतिथियों ने अपने विचार साझा किए।