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राहुल गांधी ने हरियाणा के IPS अधिकारी की आत्महत्या पर जताया दुख

हरियाणा के एडीजीपी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है, आरोप लगाते हुए कहा कि यह जाति आधारित भेदभाव का परिणाम है। उन्होंने इस आत्महत्या को समाज में बढ़ते विष का प्रतीक बताया। वाई पूरन कुमार ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उन्होंने कई अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जानें इस मामले की पूरी कहानी और इसके पीछे के कारण।
 

हरियाणा के IPS अधिकारी की आत्महत्या पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया

राहुल गांधी ने हरियाणा के IPS अधिकारी की आत्महत्या पर प्रतिक्रिया दी: हरियाणा के एडीजीपी वाई पूरन कुमार ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली, जिसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस घटना पर अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने जाति आधारित भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि यह घटना समाज में बढ़ते विष का प्रतीक है।


राहुल गांधी ने अपने X हैंडल पर लिखा, "हरियाणा के IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार जी की आत्महत्या उस गहराते सामाजिक ज़हर का प्रतीक है, जो जाति के नाम पर इंसानियत को कुचल रहा है। जब एक IPS अधिकारी को उसकी जाति के कारण अपमान और अत्याचार सहने पड़ें - तो सोचिए, आम दलित नागरिक किन हालात में जी रहा होगा। रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि की हत्या, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का अपमान और अब पूरन जी की मृत्यु - ये घटनाएँ बताती हैं कि वंचित वर्ग के ख़िलाफ़ अन्याय अपनी चरम सीमा पर है। BJP-RSS की नफ़रत और मनुवादी सोच ने समाज को विष से भर दिया है। दलित, आदिवासी, पिछड़े और मुस्लिम आज न्याय की उम्मीद खोते जा रहे हैं। ये संघर्ष केवल पूरन जी का नहीं - हर उस भारतीय का है जो संविधान, समानता और न्याय में विश्वास रखता है।"


IPS अधिकारी ने सुसाइड नोट में गंभीर आरोप लगाए

हरियाणा कैडर के 2001 बैच के अधिकारी वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित अपने निवास पर आत्महत्या की। उन्होंने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। उनकी पत्नी, जो एक आईएएस अधिकारी हैं, ने राज्य के डीजीपी और रोहतक के एसपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें उन पर जाति आधारित भेदभाव और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है।


वाई पूरन कुमार का प्रमोशन और विवाद

वाई पूरन कुमार को हाल ही में एडीजीपी रैंक से आईजी रैंक में प्रमोट किया गया था। पिछले डेढ़ वर्ष से वह कई विवादों में रहे हैं। उन्होंने वन ऑफिसर वन हाउस पॉलिसी के तहत शिकायत की थी और कई अधिकारियों पर आरोप लगाए थे कि वे एक से अधिक सरकारी आवास रखे हुए हैं। इसके अलावा, उन्होंने पूर्व डीजीपी और एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पर जाति के आधार पर भेदभाव करने का आरोप भी लगाया था।