रुपये में ऐतिहासिक गिरावट, डॉलर के मुकाबले 90 के पार
रुपये की गिरावट का नया रिकॉर्ड
नई दिल्ली: बुधवार को भारतीय रुपये में भारी गिरावट देखी गई, जिससे यह पहली बार डॉलर के मुकाबले 90 के स्तर को पार कर गया। रुपये की कीमत 90.13 पर पहुंच गई, जो कि एक नया रिकॉर्ड है। इससे पहले, रुपये ने 89.94 के स्तर पर पहुंचकर अपना अब तक का सबसे निचला स्तर बनाया था, जो अब टूट चुका है।
गिरावट के कारण
यह गिरावट कमजोर व्यापार और पोर्टफोलियो प्रवाह के कारण हो रही है। इसके अलावा, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बढ़ती अनिश्चितता भी एक महत्वपूर्ण कारण है। इन कारकों ने रुपये पर लगातार दबाव बनाए रखा है। रुपये की इस गिरावट का असर भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों पर भी देखा जा रहा है, जहां निफ्टी इंडेक्स 26,000 के महत्वपूर्ण स्तर से नीचे कारोबार कर रहा है।
बाजार की प्रतिक्रिया
इसके अतिरिक्त, सेंसेक्स में भी शुरुआती कारोबार में 200 से अधिक अंकों की गिरावट आई है, क्योंकि कमजोर रुपये ने मुद्रास्फीति और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की गतिविधियों को लेकर चिंताओं को बढ़ा दिया है। विश्लेषकों का मानना है कि व्यापारियों की नजर रुपये में स्थिरता के संकेतों और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर बनी हुई है, जिससे बाजार का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
भविष्य की संभावनाएं
विश्लेषकों का कहना है कि यदि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता होता है, तो रुपये का अवमूल्यन रुक सकता है और स्थिति में सुधार भी हो सकता है। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि दोनों देशों के बीच डील के बाद टैरिफ से जुड़ी जानकारी कैसी होती है। उन्होंने यह भी बताया कि आरबीआई के म्यूट इंटरवेंशन ने रुपये की गिरावट को बढ़ाने में योगदान दिया है। शुक्रवार को आरबीआई की बैठक के बाद यह स्पष्ट होगा कि केंद्रीय बैंक रुपये को स्थिर करने के लिए कोई कदम उठाएगा या नहीं।