रुपये में हल्की बढ़त, विदेशी मुद्रा बाजार में सीमित दायरे में कारोबार
रुपये की स्थिति
सोमवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपये ने सीमित दायरे में कारोबार करते हुए छह पैसे की बढ़त के साथ 88.20 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अमेरिकी व्यापार शुल्क के प्रति चिंताओं और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं के चलते रुपये की स्थिति स्थिर रही।
भारतीय रिजर्व बैंक का हस्तक्षेप
विदेशी मुद्रा व्यापारियों का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक के संभावित हस्तक्षेप ने रुपये की अस्थिरता को नियंत्रित करने में मदद की है और इसके त्वरित अवमूल्यन को रोकने में सहायक रहा है।
दिनभर का कारोबार
इस बाजार में रुपये की शुरुआत 88.25 पर हुई, और दिन के दौरान यह डॉलर के मुकाबले 88.30 के निचले स्तर और 88.13 के उच्च स्तर तक पहुंचा। कारोबार के अंत में रुपये ने 88.20 (अस्थायी) पर बंद होकर पिछले बंद भाव से छह पैसे की बढ़त दर्ज की। शुक्रवार को, रुपये ने अपने सर्वकालिक निचले स्तर से उबरते हुए 88.26 पर बंद होने में सफलता पाई थी।
भू-राजनीतिक घटनाक्रमों का प्रभाव
निवेशक भू-राजनीतिक घटनाक्रमों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, और वैश्विक व्यापार की गतिशीलता रुपये के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। विदेशी मुद्रा व्यापारियों का कहना है कि अब बाजार की नजर 17 सितंबर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर है, क्योंकि ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें डॉलर की भविष्य की मजबूती को लेकर अनिश्चितता पैदा कर रही हैं।
डॉलर सूचकांक और तेल की कीमतें
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.07 प्रतिशत घटकर 97.48 पर आ गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.40 प्रतिशत बढ़कर 67.26 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
घरेलू शेयर बाजार की स्थिति
घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 118.96 अंक गिरकर 81,785.74 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 44.80 अंक के नुकसान के साथ 25,069.20 अंक पर बंद हुआ। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल बने रहे, जिन्होंने शुक्रवार को 129.58 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।