रूस-यूक्रेन युद्ध: संघर्ष की नई परतें और जेलेंस्की की कड़ी प्रतिक्रिया
रूस-यूक्रेन युद्ध की बढ़ती जटिलताएँ
रूस-यूक्रेन युद्ध: लगभग तीन साल से अधिक समय से चल रहे इस संघर्ष के अब लंबे समय तक जारी रहने के संकेत मिल रहे हैं। शांति के लिए किए गए कई प्रयासों के बावजूद, स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। दोनों देश एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों और ऊर्जा ढांचों को निशाना बनाकर अपने प्रतिकूल को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी संदर्भ में, शुक्रवार को रूसी सेना ने यूक्रेन के विभिन्न सैन्य ठिकानों और गैस संरचनाओं पर हमले किए।
रूसी हमलों का विवरण
रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, रात भर कई प्लेटफार्मों से मिसाइलें और लंबी दूरी के ड्रोन यूक्रेन की सीमा पर दागे गए। इन हमलों ने अपने लक्ष्यों को भेदते हुए सफलतापूर्वक मिशन पूरा किया। इन हमलों का उद्देश्य केवल सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि ऊर्जा संरचनाओं को बाधित करना भी है, जिससे यूक्रेन की आर्थिक और ऊर्जा स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़े।
यूक्रेन को हुए नुकसान
यूक्रेन की सरकारी ऊर्जा कंपनी नैफ्टोगैज ने इसे अब तक का सबसे बड़ा हमला बताया है। कंपनी के अनुसार, इन हमलों से उन्हें गंभीर नुकसान हुआ है और उनकी ऊर्जा आपूर्ति प्रभावित हुई है। यह हमले लगातार जारी हमलों का हिस्सा हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 7 सितंबर को रूस ने कीव पर भी हमला किया था, जिसमें लगभग 800 ड्रोन का उपयोग किया गया था। इनमें से अधिकांश को यूक्रेनी एयर डिफेंस सिस्टम ने नष्ट कर दिया, लेकिन कई ड्रोन आवासीय और सरकारी भवनों से टकराए, जिससे कीव में दो लोगों की मौत हुई, जिनमें एक बच्चा भी शामिल था।
हमले की तकनीकी जानकारी
यूक्रेनी वायुसेना के अनुसार, रूस ने इस हमले में 810 ड्रोन के अलावा चार बैलिस्टिक और नौ क्रूज मिसाइलें दागी थीं। यूक्रेनी सेना ने इसे जुलाई में हुए पिछले हमले से भी अधिक भयंकर बताया। यह हमला केवल सैन्य ठिकानों को ही नहीं, बल्कि नागरिक सुरक्षा और ऊर्जा संरचनाओं को भी प्रभावित करने वाला था।
जेलेंस्की की प्रतिक्रिया
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने इस हमले को “कायरतापूर्ण” बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी हत्याएं उस समय हो रही हैं, जब वास्तविक कूटनीतिक प्रयास पहले ही शुरू किए जा सकते थे। जेलेंस्की ने विश्व समुदाय से अपील की कि क्रेमलिन के अपराधियों को रोकने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखानी होगी। उन्होंने कहा कि युद्ध को लंबा खींचना और निर्दोष लोगों की जान लेना जानबूझकर किया गया अपराध है।
युद्ध की वर्तमान स्थिति
रूस और यूक्रेन के बीच यह संघर्ष अब केवल सैन्य टकराव तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह आर्थिक और ऊर्जा संरचनाओं को नुकसान पहुंचाने का माध्यम भी बन गया है। दोनों पक्षों के बीच कूटनीतिक प्रयास अब तक असफल रहे हैं, और इसका गंभीर प्रभाव नागरिकों पर पड़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि बिना अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता और कूटनीतिक दबाव के इस युद्ध का समाधान जल्द ही मुश्किल है।