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रूस-यूक्रेन संघर्ष: पोलैंड ने बढ़ाई हवाई सुरक्षा, लविव में स्थिति गंभीर

रूस-यूक्रेन संघर्ष ने एक बार फिर से यूरोप में तनाव बढ़ा दिया है। रूस ने यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर हमले किए हैं, जिसके बाद पोलैंड ने अपनी हवाई सुरक्षा को उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया है। लविव में स्थिति गंभीर है, जहां हमलों के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। जानें इस संघर्ष का विस्तृत विवरण और क्षेत्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव।
 

रूस-यूक्रेन संघर्ष का नया मोड़

रूस-यूक्रेन संघर्ष: कीव में हालिया घटनाक्रम ने यूरोप की सीमाओं पर तनाव को फिर से बढ़ा दिया है। रूस ने यूक्रेन पर 50 से अधिक मिसाइलों और लगभग 500 ड्रोन के साथ हमले किए हैं, जिनका मुख्य लक्ष्य यूक्रेन के कई महत्वपूर्ण क्षेत्र रहे हैं। इन हमलों के बाद, NATO सदस्य देश पोलैंड ने अपने हवाई क्षेत्र की सुरक्षा को उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया है।


रूस के हवाई हमलों का व्यापक प्रभाव

यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने बताया कि हमलों में विभिन्न प्रकार की हथियार प्रणालियों का उपयोग किया गया, जिसमें क्रूज मिसाइलें, शहीद ड्रोन और किंजल मिसाइलें शामिल थीं। हमलों का केंद्र लविव, इवानो-फ्रैंकिवस्क, ज़ापोरिज्जिया, चेर्निहीव, सूमी, खार्किव, खेरसॉन, ओडेसा और किरोवोहराद क्षेत्र थे। लविव को सबसे अधिक नुकसान हुआ, जो पोलैंड की सीमा से केवल 70 किलोमीटर दूर है। यहां मिसाइल और ड्रोन हमलों के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो गई और सार्वजनिक परिवहन ठप हो गया।


लविव में वायु रक्षा प्रणाली की सक्रियता

लविव के मेयर आंद्रे सादोवी ने बताया कि शहर की वायु रक्षा प्रणाली पूरी ताकत से सक्रिय रही। पहले ड्रोन हमला हुआ, जिसके बाद रूसी मिसाइलें दागी गईं। शहर के कई क्षेत्रों में बिजली बाधित हुई है और सड़कें असुरक्षित हो गई हैं, जिससे नागरिकों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है।


पोलैंड ने बढ़ाई हवाई सुरक्षा

पोलैंड की ऑपरेशनल कमांड ने घोषणा की है कि पोलिश और सहयोगी विमानों को उनके हवाई क्षेत्र में तैनात किया गया है। इसके अलावा, एयर डिफेंस और रडार सिस्टम को उच्चतम सतर्कता पर रखा गया है ताकि किसी भी संभावित खतरे का समय पर सामना किया जा सके।


पूर्वी यूरोप में बढ़ती ड्रोन और एयरस्पेस की घटनाएं

हाल के महीनों में पूर्वी यूरोप में ड्रोन घुसपैठ और हवाई क्षेत्र उल्लंघन की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। सितंबर में, पोलैंड ने अपने हवाई क्षेत्र में एक रूसी ड्रोन को मार गिराया था, जबकि डेनमार्क और जर्मनी में भी ड्रोन के कारण हवाई यातायात प्रभावित हुआ। ये घटनाएं क्षेत्रीय सुरक्षा की चुनौतियों को और जटिल बना रही हैं।