रूसी राष्ट्रपति पुतिन का भारत दौरा: भारत-रूस संबंधों में नई ऊर्जा का संचार
पुतिन का भारत दौरा
नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को नई दिशा देने का अवसर प्रदान करेगा। यह ध्यान देने योग्य है कि रूस-यूक्रेन युद्ध का यह तीसरा वर्ष है, और पुतिन की यह पहली यात्रा है जब से संघर्ष शुरू हुआ। उनके इस दौरे पर वैश्विक स्तर पर काफी ध्यान केंद्रित किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, रूस वर्तमान में भारत से कूटनीतिक समर्थन की अपेक्षा कर रहा है, जबकि भारत भी रूस के माध्यम से अपनी कई महत्वपूर्ण आवश्यकताओं को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसमें रक्षा समझौतों और व्यापारिक आवश्यकताएँ शामिल हैं।
रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे मॉस्को के पास व्यापारिक संबंधों के लिए सीमित मित्र देश बचे हैं। इसके बावजूद, भारत ने रूस से तेल और अन्य उत्पादों का निर्यात और आयात जारी रखा है। अमेरिका ने भारत पर रूस से तेल खरीदने के विरोध में 50 प्रतिशत आयात शुल्क भी लगाया है, लेकिन भारत ने फिर भी रूस से तेल खरीदना जारी रखा है।