रेलवे के मिडिल बर्थ पर सोने के नियम: जानें क्या है सही समय और शिकायत कैसे करें
ट्रेन यात्रा में मिडिल बर्थ के नियम
ट्रेन में सफर करते समय कई बार यात्रियों के बीच छोटी-छोटी बातों पर बहस हो जाती है। विशेष रूप से स्लीपर और एसी कोच में मिडिल बर्थ, यानी बीच की सीट को लेकर अक्सर विवाद उत्पन्न होते हैं। यह तब होता है जब कोई यात्री सुबह देर तक मिडिल बर्थ पर लेटा रहता है, जिससे नीचे की सीट पर बैठे यात्रियों को असुविधा होती है। ऐसे में यह जानना आवश्यक है कि रेलवे ने मिडिल बर्थ पर सोने के लिए क्या नियम निर्धारित किए हैं।
मिडिल बर्थ पर सोने का समय
क्या है मिडिल बर्थ पर सोने का नियम?
भारतीय रेलवे ने मिडिल बर्थ के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि यात्रियों को सुविधा मिले और विवाद न हो। इस नियम के अनुसार, मिडिल बर्थ पर लेटने का समय रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक निर्धारित किया गया है। इसका अर्थ है कि कोई भी यात्री रात 10 बजे के बाद अपनी मिडिल बर्थ खोल सकता है और सुबह 6 बजे तक उस पर आराम से लेट सकता है।
फोल्ड करने का समय
इतने बजे के बाद फोल्ड करना अनिवार्य
सुबह 6 बजे के बाद, उस यात्री को मिडिल बर्थ को फोल्ड करके नीचे की सीट पर बैठने की जगह देनी होती है। हालांकि, कई बार देखा गया है कि कुछ यात्री सुबह देर तक मिडिल बर्थ पर लेटे रहते हैं, जिससे नीचे वालों को बैठने में कठिनाई होती है। यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि सभी यात्री आराम से बैठ सकें और किसी को असुविधा न हो।
शिकायत कैसे करें?
ऐसे करें शिकायत?
यदि कोई यात्री सुबह 6 बजे के बाद भी मिडिल बर्थ फोल्ड नहीं करता और बहस करता है, तो उसकी शिकायत की जा सकती है। आप टीटीई (ट्रेन टिकट परीक्षक) या कोच अटेंडेंट को इस बारे में सूचित कर सकते हैं। रेलवे के कर्मचारी उस यात्री को नियम समझाकर मिडिल बर्थ फोल्ड करने के लिए कहेंगे। नियम का पालन न करने पर उस यात्री को चेतावनी भी दी जा सकती है।
यात्रियों की सुविधा के लिए नियम
सुविधा को ध्यान में रखकर बना है नियम
रेलवे ने मिडिल बर्थ से संबंधित यह नियम यात्रियों की सुविधा के लिए बनाया है ताकि कोई भी यात्री परेशान न हो। इसलिए सभी यात्रियों को इस नियम का पालन करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति बार-बार इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसकी शिकायत करके उचित कार्रवाई करवाई जा सकती है। नियमों का पालन करना हर यात्री की जिम्मेदारी है, ताकि यात्रा सुखद और शांतिपूर्ण बनी रहे।