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रेवाड़ी में फर्जी SHO ठगी का मामला: ट्रांसपोर्टर से 44,700 रुपये की ठगी

हरियाणा के रेवाड़ी में एक ट्रांसपोर्ट व्यवसायी को फर्जी SHO द्वारा 44,700 रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया। ठग ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा। जब पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ, तो उसने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। यह मामला साइबर ठगी के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को उजागर करता है। जानें इस ठगी से बचने के उपाय और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
 

फर्जी SHO ठगी का सनसनीखेज मामला

रेवाड़ी में फर्जी SHO ठगी: ट्रांसपोर्टर से 44,000 रुपये की ठगी, आरोपी गिरफ्तार: हरियाणा के रेवाड़ी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक साइबर ठग ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर एक ट्रांसपोर्ट व्यवसायी से 44,700 रुपये ठग लिए।


रेवाड़ी की साइबर पुलिस ने इस ठग को पकड़ लिया है। यह घटना डिजिटल युग में सतर्कता की आवश्यकता को दर्शाती है। आइए, इस मामले की पूरी जानकारी और इससे बचने के उपायों पर नजर डालते हैं।


ठगी की योजना: फर्जी कॉल से शुरू हुआ खेल


15 मई को रेवाड़ी के गांव आसलवास के निवासी नरेंद्र कुमार को एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को SHO बताते हुए कहा कि नरेंद्र की गाड़ी नोएडा में तीन हादसों का कारण बनी है।


उसने कहा कि मामला गंभीर है, लेकिन वह समझौता करवा सकता है। इसके लिए नरेंद्र को पैसे ट्रांसफर करने होंगे।


डर और विश्वास में आकर नरेंद्र ने 22,000 रुपये अपने नंबर से और 22,700 रुपये अपने दोस्त के नंबर से बताए गए खाते में भेज दिए। बाद में ड्राइवर से बात करने पर पता चला कि कोई हादसा हुआ ही नहीं। तब नरेंद्र को ठगी का एहसास हुआ और उसने तुरंत साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई।


पुलिस की त्वरित कार्रवाई और गिरफ्तारी


साइबर थाना रेवाड़ी ने शिकायत के आधार पर तुरंत जांच शुरू की। तकनीकी साक्ष्यों की मदद से पुलिस ने आरोपी की पहचान महेंद्रगढ़ के नारनौल उपमंडल के गांव देवस्थान निवासी हिमांशु कौशिक के रूप में की।


गुरुवार को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। हिमांशु को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या हिमांशु ने अन्य लोगों के साथ भी ऐसी ठगी की है। यह कार्रवाई साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस की सतर्कता को दर्शाती है।


साइबर ठगी से बचने के लिए सावधानियां


यह मामला हमें सिखाता है कि अनजान कॉल्स पर भरोसा करने से पहले सतर्क रहना आवश्यक है। साइबर ठग अक्सर डर और जल्दबाजी का फायदा उठाते हैं। किसी भी व्यक्ति जो खुद को पुलिस अधिकारी बताता है, उसकी पहचान की पुष्टि करें।


पैसे ट्रांसफर करने से पहले अपने ड्राइवर या संबंधित व्यक्ति से जानकारी जरूर लें। रेवाड़ी पुलिस ने लोगों से अपील की है कि ऐसी कॉल्स की तुरंत शिकायत करें। साइबर थाने और तकनीकी जांच की मदद से ठगों को पकड़ना अब आसान हो गया है। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।