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रोहतक सड़क हादसे में परिवार के चार सदस्यों की मौत, गांव में शोक का माहौल

रोहतक में एक सड़क दुर्घटना ने एक परिवार के चार सदस्यों की जान ले ली, जिससे गांव में शोक का माहौल है। यह घटना जयपुर-आगरा हाईवे पर हुई, जब परिवार मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन करके लौट रहा था। हादसे ने न केवल एक परिवार को प्रभावित किया, बल्कि सड़क सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। जानें इस दुखद घटना के बारे में और क्या हुआ उस रात।
 

रोहतक सड़क दुर्घटना: एक परिवार की त्रासदी

रोहतक में एक सड़क दुर्घटना ने एक परिवार की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया है। जयपुर-आगरा हाईवे पर हुए इस भयानक हादसे में खेड़ी साध गांव के चार लोग, जिनमें तीन एक ही परिवार के सदस्य थे, अपनी जान गंवा बैठे।


दुर्घटना का विवरण

यह दुखद घटना शुक्रवार रात लगभग 12:15 बजे दौसा के कलेक्ट्रेट चौराहे के पास RTO ऑफिस के सामने हुई। परिवार मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन करके लौट रहा था, तभी उनकी कार एक खड़े कैंटर से टकरा गई। बताया गया है कि कैंटर को RTO की चेकिंग के कारण सड़क के किनारे रोका गया था।


मृतकों की पहचान

इस टक्कर में कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे में प्रमिला देवी (40), उनकी बेटी साक्षी (16), बेटा दीपांशु (20), और एक अन्य महिला पारो (60) की मौके पर ही मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद हाईवे पर ट्रैफिक जाम लग गया, जिसे पुलिस ने बाद में सामान्य किया।


साक्षी की अंतिम यात्रा

इस दुर्घटना की सबसे दुखद कहानी साक्षी की है। 16 वर्षीय साक्षी इस यात्रा पर जाने के लिए अनिच्छुक थी। परिवार ने पहले बिना उसे लिए ही मेहंदीपुर बालाजी के लिए यात्रा शुरू की थी, लेकिन बाद में उसे साथ ले जाने का निर्णय लिया। किसी ने नहीं सोचा था कि यह यात्रा उनके लिए अंतिम यात्रा बन जाएगी।


गांव में शोक और सवाल

हादसे के बाद शनिवार शाम को खेड़ी साध के शमशान घाट में चार चिताओं को एक साथ मुखाग्नि दी गई। यह दृश्य सभी के लिए हृदयविदारक था। ग्रामीणों की आंखों में आंसू थे और उनके मन में सवाल थे कि ऐसी त्रासदी क्यों हुई। क्या RTO की चेकिंग के दौरान सड़क सुरक्षा को और बेहतर नहीं किया जा सकता था? यह हादसा न केवल एक परिवार की हानि है, बल्कि सड़क पर चेकिंग और यातायात प्रबंधन की खामियों को भी उजागर करता है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।