लक्ष्मी मित्तल का ब्रिटेन छोड़कर दुबई बसने का निर्णय
ब्रिटेन को अलविदा कहने का फैसला
लक्ष्मी मित्तल ने स्विट्जरलैंड में टैक्स रेजिडेंसी स्थानांतरित की
नई दिल्ली: ब्रिटेन में लक्ष्मी मित्तल की नई कर नीति अब उनके लिए चुनौती बन गई है। कई अरबपति, जिनमें मित्तल भी शामिल हैं, या तो देश छोड़ चुके हैं या ऐसा करने की योजना बना रहे हैं। द संडे टाइम्स की हालिया रिपोर्ट में मित्तल का नाम उन प्रमुख उद्यमियों में शामिल किया गया है जो ब्रिटेन छोड़ने की तैयारी में हैं। उनकी संपत्ति लगभग 15.4 बिलियन पाउंड है, जिससे वे ब्रिटेन के आठवें सबसे अमीर उद्योगपति बनते हैं।
ब्रिटेन सरकार को मित्तल के फैसले से झटका
ब्रिटेन की लेबर सरकार की कर नीतियों का प्रभाव अब स्पष्ट हो रहा है। व्यापार और वाणिज्य मंत्री पीटर काइल ने स्वीकार किया है कि कई अमीर लोग, जिनमें लक्ष्मी मित्तल भी शामिल हैं, देश छोड़ रहे हैं। काइल ने कहा कि यह स्थिति चिंताजनक है। जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार मानती है कि लेबर पार्टी की कर नीति ही इस पलायन का कारण है, तो उन्होंने कहा कि हां, यह सच है।
काइल ने कहा कि हमने कर बढ़ाए हैं और कुछ गैर-निवासी लोगों के लिए रास्ते बंद कर दिए हैं। उन्होंने मित्तल के स्विट्जरलैंड में टैक्स रेजिडेंसी स्थानांतरित करने की खबर पर भी टिप्पणी की।
काइल का तर्क
काइल ने कहा कि जब कोई व्यक्ति यूके छोड़ने की सोचता है, तो यह चिंता का विषय है। यह केवल अरबपतियों का मामला नहीं है; हजारों डॉक्टर भी देश छोड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमें केवल अरबपतियों पर ध्यान नहीं देना चाहिए, क्योंकि कई अन्य लोग भी मजबूर होकर यूके छोड़ रहे हैं।
काइल ने यह भी स्पष्ट किया कि समस्या केवल टैक्स तक सीमित नहीं है। कई उद्यमी और स्टार्टअप फाउंडर अमेरिका चले गए हैं क्योंकि उन्हें यहां आवश्यक फंडिंग नहीं मिली। उन्होंने कहा कि हमने बाजार को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं ताकि ऐसी मजबूरी को समाप्त किया जा सके।