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लखनऊ को मिला यूनेस्को का 'क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' का दर्जा

लखनऊ को हाल ही में यूनेस्को द्वारा 'क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' का दर्जा दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर जनता से 'एक जिला-एक व्यंजन' पहल में भाग लेने की अपील की है। उन्होंने स्थानीय व्यंजनों की विविधता और उनके इतिहास पर प्रकाश डाला। जानें कैसे यह पहल न केवल स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देगी, बल्कि पर्यटन को भी नई दिशा देगी।
 

लखनऊ की गैस्ट्रोनॉमी का वैश्विक सम्मान

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को यूनेस्को द्वारा 'क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' के रूप में मान्यता मिलने के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से 'एक जिला-एक व्यंजन' पहल में भाग लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम दुनिया को अपने अद्वितीय स्वाद से परिचित कराएं। शनिवार को एक संदेश में, सीएम योगी ने कहा, "लखनऊ को यूनेस्को ने 'क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' के रूप में चुना है। यह मान्यता न केवल लखनऊ, बल्कि उत्तर प्रदेश के विविध खान-पान का वैश्विक सम्मान है। हर जनपद अपने विशेष स्वाद के माध्यम से संस्कृति, गौरव और इतिहास को जीवित करता है।"

सीएम ने लखनऊ की चाट, बनारस की मलइयो, मेरठ की गजक, बांदा का सोहन हलवा, इटावा के मट्टे के आलू, बागपत की बालूशाही, आगरा का पेठा, मथुरा का पेड़ा, मुरादाबादी दाल और खुर्जा की खुरचन जैसे व्यंजनों का उदाहरण देते हुए कहा कि यह 'स्वादिष्ट सूची' बहुत लंबी है। हर व्यंजन का अपना विशेष स्वाद और गौरवशाली इतिहास है। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वे अपने आस-पास के स्वाद की यात्रा पर निकलें और घर में बने व्यंजनों के साथ चित्र या वीडियो बनाकर 'एक जिला-एक व्यंजन' के साथ सोशल मीडिया पर साझा करें। सीएम योगी ने कहा कि इस तरह का प्रेम हमारी समृद्ध खान-पान परंपरा को देश और दुनिया के कोनों तक पहुंचाने में मदद करेगा और पर्यटन को बढ़ावा देगा।

यूनेस्को ने 31 अक्टूबर को अपने क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (यूसीसीएन) में इस वर्ष 58 नए शहरों को शामिल करने के तहत लखनऊ को 'क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी' का दर्जा देने की घोषणा की।