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लखनऊ चारबाग रेलवे स्टेशन का 100 साल का ऐतिहासिक सफर

लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन, जो 'नवाबों के शहर' के नाम से मशहूर है, अब 100 साल का हो चुका है। इस लेख में हम इसके ऐतिहासिक निर्माण, अंग्रेजों के समय की सीमाओं, और वर्तमान में इसकी क्षमता बढ़ाने की योजनाओं के बारे में जानेंगे। जानें इस स्टेशन का अद्भुत इतिहास और इसकी महत्वता।
 

लखनऊ चारबाग रेलवे स्टेशन: एक ऐतिहासिक स्थल

लखनऊ चारबाग रेलवे स्टेशन का शताब्दी समारोह: 'नवाबों के शहर' लखनऊ, अपने अद्भुत व्यंजनों, चिकन कारीगरी और समृद्ध संस्कृति के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहां की ऐतिहासिक इमारतें कई महत्वपूर्ण क्षणों की याद दिलाती हैं, जिनमें से एक है चारबाग रेलवे स्टेशन, जो अब 100 साल का हो चुका है। इस लेख में हम इस स्टेशन के दिलचस्प इतिहास के बारे में चर्चा करेंगे।


चारबाग रेलवे स्टेशन का निर्माण

लखनऊ में स्थित चारबाग रेलवे स्टेशन, भारत के सबसे भव्य रेलवे स्टेशनों में से एक है। इसका निर्माण 1914 में बिशप जॉर्ज हर्बर्ट द्वारा शुरू हुआ था। रेलवे मंत्रालय के अनुसार, इस स्टेशन की नींव 21 मार्च 1914 को रखी गई थी। उस समय यह अंग्रेजों और नवाबों के शासन का दौर था, और इस स्टेशन के निर्माण पर लगभग 70 लाख रुपये खर्च हुए थे। प्रसिद्ध वास्तुकार जैकब ने इस इमारत का डिज़ाइन तैयार किया। स्टेशन का निर्माण 9 वर्षों में पूरा हुआ और यह 1923 में जनता के लिए खोला गया।


ऐतिहासिक घटनाएँ

कहा जाता है कि जब इस स्टेशन की नींव रखी गई थी, तब उस दिन के समाचार पत्र और कुछ सोने के सिक्के दीवारों के भीतर रखे गए थे। चारबाग रेलवे स्टेशन की ऐतिहासिक इमारत में एक शिलापट भी है, जिसमें लिखा है कि 1 अगस्त 1925 को ईस्ट इंडियन रेलवे के एजेंट द्वारा एक संदूक रखा गया था, जिसमें उस समय के सिक्के और समाचार पत्र थे। यह स्टेशन राजपूत, अवधी और मुगल वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है।


भारतीयों के लिए सीमित पहुंच

इतिहासकारों के अनुसार, अंग्रेजों ने उस समय नियम बनाए थे कि भारतीयों को चारबाग रेलवे स्टेशन पर अपने परिचितों को छोड़ने की अनुमति नहीं थी। उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया जाता था, जो अब उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल का रिकॉर्ड रूम है। ट्रेन के आने पर पहले अंग्रेज बैठते थे, उसके बाद भारतीयों को टिकट दिलवाकर बैठाया जाता था।


वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाएँ

वर्तमान में, लखनऊ चारबाग रेलवे स्टेशन प्रतिदिन लगभग 80,000 यात्रियों को संभालता है, और इसकी क्षमता को बढ़ाकर 1.60 लाख यात्रियों प्रतिदिन करने की योजना है। स्टेशन में 9 प्लेटफार्म हैं और यह कई प्रारंभिक, अंतिम और सीधी ट्रेनों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है।