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लखनऊ नगर निगम में प्रशासनिक बदलाव: अशोक सिंह का तबादला

लखनऊ नगर निगम में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह का अचानक तबादला अलीगढ़ किया गया है। इस आदेश के पीछे राजस्व वसूली की धीमी गति और प्रशासनिक कार्यशैली पर नाराजगी बताई जा रही है। नए अधिकारी विनय कुमार राय को नियुक्त किया गया है, जो शहर की कर प्रणाली को सुधारने की जिम्मेदारी संभालेंगे। जानें इस बदलाव के पीछे की कहानी और नगर निगम की आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीदें।
 

लखनऊ नगर निगम में अशोक सिंह का तबादला

लखनऊ नगर निगम से एक महत्वपूर्ण आदेश जारी हुआ है, जिसने प्रशासनिक हलचल को जन्म दिया है। नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह का अचानक तबादला कर दिया गया है। उन्हें तुरंत प्रभाव से अलीगढ़ भेजा गया है और आदेश के अनुसार, उन्हें बिना किसी देरी के अपने नए कार्यस्थल पर योगदान देना होगा। आदेश का पालन न करने पर विधिक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।


नगर विकास विभाग द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अशोक सिंह को तुरंत कार्यमुक्त किया जाए और उन्हें अलीगढ़ में बिना देर किए शामिल होना होगा। यदि आदेश की अवहेलना की जाती है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक या कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


अशोक सिंह की जगह अब विनय कुमार राय को लखनऊ नगर निगम का नया मुख्य कर निर्धारण अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्हें शहर की कर वसूली प्रणाली को सुधारने की जिम्मेदारी दी गई है, खासकर जब नगर निगम राजस्व घाटे का सामना कर रहा है।


यह पहला मौका नहीं है जब अशोक सिंह का तबादला हुआ है। 2023 में भी उन्हें लखनऊ से अलीगढ़ स्थानांतरित किया गया था, लेकिन कुछ महीनों बाद वह वापस लखनऊ लौट आए थे। अब एक बार फिर उन्हें अलीगढ़ भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार, नगर निगम में नए आयुक्त की नियुक्ति के बाद अशोक सिंह के साथ संबंधों में तनाव की खबरें आई थीं।


विशेषज्ञों का मानना है कि हालिया तबादले के पीछे राजस्व वसूली की धीमी गति और प्रशासनिक कार्यशैली को लेकर नाराजगी एक महत्वपूर्ण कारण है। कुछ अधिकारियों ने अनौपचारिक रूप से बताया कि अशोक सिंह की निर्णय प्रक्रिया पर कई विभागीय आपत्तियाँ दर्ज की गई थीं, जिनकी समीक्षा अभी चल रही है।


अब जब नगर निगम में एक बार फिर पदस्थापन में बदलाव हुआ है, तो नई नियुक्ति से उम्मीदें बंधी हैं कि शहर की कर प्रणाली को पारदर्शी, सख्त और जवाबदेह बनाया जा सकेगा। साथ ही, न्यायालय में लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण कर निगम की आर्थिक स्थिति को स्थिरता की ओर ले जाया जा सकेगा।