लखनऊ में फर्जी ट्रेडिंग गिरोह का भंडाफोड़, 7 गिरफ्तार
लखनऊ में फर्जी ट्रेडिंग गिरोह का खुलासा
लखनऊ के इंदिरानगर क्षेत्र से एक महत्वपूर्ण मामला सामने आया है, जहां पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो 'ट्रेडिंग में तिगुना मुनाफा' का लालच देकर लोगों से पैसे ठगता था। हाल ही में, लखनऊ पुलिस ने इस फर्जी ट्रेडिंग गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया और उनके पास से 1,38,500 रुपये की नकदी बरामद की। गिरोह का नेता सीधे साधे लोगों को 500 रुपये के नकली नोट दिखाकर 'तेजी से पैसा बढ़ाने' का झांसा देता था। यह मामला तब उजागर हुआ जब एक पीड़ित ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस अब इस गिरोह के नेटवर्क और अन्य राज्यों में इसके संबंधों की जांच कर रही है।
गिरोह का ठगी का तरीका: ऑनलाइन ट्रेडिंग में अधिक मुनाफे का झांसा
पीड़ित ने इंदिरानगर थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई। उसके अनुसार, आरोपी गिरोह लोगों को ऑनलाइन ट्रेडिंग में अधिक मुनाफा देने का झांसा देता था। वे दावा करते थे कि उनकी पूंजी कुछ ही दिनों में दोगुनी या तिगुनी हो जाएगी। इस लालच में कई लोग इनके जाल में फंस गए। आरोपी नकली नोटों के बंडल दिखाकर भरोसा दिलाते और धीरे-धीरे उनसे बड़ी रकम वसूल करते थे। पुलिस की जांच में यह सामने आया कि गिरोह के सदस्य लोगों को नकली निवेश योजनाओं के माध्यम से ठगते थे और फिर मोबाइल नंबर बदलकर फरार हो जाते थे।
इंदिरानगर पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया
इंदिरानगर थाना प्रभारी सुनील कुमार तिवारी के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने तकनीकी निगरानी और मुखबिर की सूचना के आधार पर आरोपियों को पकड़ा। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान विश्वेंद्र कुमार, राजन कुमार, रोहिताश कुमार, राहुल चौधरी, गुड्डू कुमार, मयंके भारती और आदित्य कुमार के रूप में हुई है। ये सभी बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के निवासी हैं। पुलिस ने इनके पास से 1,38,500 रुपये नकद, मोबाइल फोन और ठगी में इस्तेमाल होने वाले फर्जी दस्तावेज जब्त किए हैं। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि गिरोह ने कितने लोगों को ठगा और उनकी कमाई कितनी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपियों ने कई लोगों से ऑनलाइन पेमेंट के जरिए लाखों रुपये वसूले हैं। पुलिस उनकी संपत्तियों की जांच कर रही है।