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लाल सागर में केबल क्षति से इंटरनेट की गति में गिरावट, कई देश प्रभावित

लाल सागर में ऑप्टिकल फाइबर केबलों के क्षतिग्रस्त होने से वैश्विक इंटरनेट की गति में भारी गिरावट आई है। यह घटना भारत और पाकिस्तान सहित कई देशों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए समस्याएं पैदा कर रही है। विशेषज्ञ इसे एक जानबूझकर की गई कार्रवाई मानते हैं, जिसमें यमन के हूती विद्रोहियों का हाथ हो सकता है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
 

इंटरनेट की गति पर प्रभाव

नई दिल्ली: यदि आप आज धीमे इंटरनेट से परेशान हैं, तो इसका कारण आपके वाई-फाई में नहीं, बल्कि लाल सागर की गहराइयों में छिपा हुआ है। लाल सागर में बिछी कई महत्वपूर्ण ऑप्टिकल फाइबर केबलों के क्षतिग्रस्त होने से वैश्विक इंटरनेट की गति पर गंभीर असर पड़ा है, जिससे दुनिया भर में हड़कंप मच गया है। इस घटना के पीछे एक बड़ी साजिश की आशंका जताई जा रही है, जिसमें शक की सुई यमन के हूती विद्रोहियों की ओर घूम रही है।


ये केबलें यूरोप और एशिया के बीच एक डिजिटल हाईवे के रूप में कार्य करती हैं, जिनसे लगभग 17% इंटरनेट ट्रैफिक गुजरता है। इन केबलों के क्षतिग्रस्त होने से भारत और पाकिस्तान सहित कई देशों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। माइक्रोसॉफ्ट जैसी प्रमुख टेक कंपनियों ने भी पुष्टि की है कि उनकी एज़्योर क्लाउड सेवाओं पर, विशेषकर एशिया और यूरोप के बीच, व्यापक प्रभाव पड़ा है। इंटरनेट की निगरानी करने वाली संस्था नेटब्लॉक्स ने भी इस गड़बड़ी की पुष्टि की है, यह बताते हुए कि इसका असर टाटा कम्युनिकेशंस द्वारा संचालित केबल सिस्टम पर भी पड़ा है।


हालांकि, इन केबलों के क्षतिग्रस्त होने का सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन विशेषज्ञ इसे केवल एक दुर्घटना मानने से इनकार कर रहे हैं। कई विश्लेषकों का मानना है कि यह वैश्विक कनेक्टिविटी को बाधित करने के लिए जानबूझकर की गई कार्रवाई है, और इस संदेह के केंद्र में यमन के हूती विद्रोही हैं। यह माना जा रहा है कि गाजा में चल रहे संघर्ष के बीच इज़रायल पर दबाव बनाने के उद्देश्य से इन केबलों को निशाना बनाया गया है।


हूती विद्रोहियों का पिछला रिकॉर्ड भी इस संदेह को और मजबूत करता है, क्योंकि उन्होंने नवंबर 2023 से लाल सागर में 100 से अधिक जहाजों पर मिसाइल और ड्रोन से हमले किए हैं। इसके अलावा, 2024 की शुरुआत में यमन की सरकार ने भी चेतावनी दी थी कि हूती विद्रोही इन महत्वपूर्ण केबलों पर हमला करने की योजना बना रहे हैं, जिससे इस घटना के सुनियोजित हमले की आशंका और बढ़ जाती है।


हालांकि, हूती विद्रोहियों ने पहले ऐसे आरोपों का खंडन किया था, लेकिन रविवार सुबह उनके अपने समाचार चैनल ने केबलों के कटने की खबर को स्वीकार कर लिया। वर्तमान में, डेटा ट्रैफिक को वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ा जा रहा है, लेकिन इन क्षतिग्रस्त केबलों की मरम्मत में लंबा समय लग सकता है, जिससे आने वाले दिनों में भी इंटरनेट की गति प्रभावित रहने की संभावना है।