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लालू परिवार में विवाद: रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़ने का किया ऐलान

लालू प्रसाद यादव के परिवार में चल रहे विवाद ने एक नया मोड़ लिया है। तेजस्वी यादव की बहन रोहिणी आचार्य ने राजनीति से संन्यास लेने और परिवार से नाता तोड़ने का ऐलान किया है। यह विवाद 2017 से चल रहा है, जब लालू ने पार्टी की कमान तेजस्वी को सौंपी थी। रोहिणी का यह कदम परिवार के भीतर की कलह को उजागर करता है, जो अब सार्वजनिक रूप से सामने आ रहा है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और रोहिणी के फैसले के पीछे की वजहें।
 

पटना में लालू परिवार का विवाद फिर से चर्चा में


पटना: लालू प्रसाद यादव के परिवार में चल रहे विवाद ने एक बार फिर से सुर्खियां बटोरी हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद उत्पन्न तनाव अब तेजस्वी यादव की बहन रोहिणी आचार्य तक पहुंच गया है। रोहिणी ने सोशल मीडिया पर राजनीति से संन्यास लेने और परिवार से संबंध तोड़ने की घोषणा कर सभी को चौंका दिया है।


यह वही रोहिणी हैं जिन्होंने अपने पिता को किडनी दान देकर देशभर में चर्चा का विषय बनी थीं, लेकिन अब वे परिवार के अंदर चल रही कलह को सार्वजनिक रूप से उजागर कर रही हैं। यह विवाद नया नहीं है; लालू परिवार में राजनीतिक उत्तराधिकार को लेकर 2017 से तनाव चल रहा है, जब चारा घोटाले में जेल जाने के बाद लालू ने पार्टी की जिम्मेदारी छोटे बेटे तेजस्वी यादव को सौंप दी थी।


विवाद की शुरुआत

बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को यह निर्णय पसंद नहीं आया, और यहीं से दोनों भाइयों के बीच वर्चस्व की लड़ाई शुरू हुई। तेज प्रताप ने कई बार खुद को लालू यादव का असली वारिस बताया और पार्टी में अपनी अनदेखी का आरोप लगाया। 2018 में तेज प्रताप की शादी और तलाक का विवाद इस कलह को और बढ़ा गया। उन्होंने शादी के कुछ महीनों बाद तलाक की अर्जी दी और परिवार पर उनकी बात न सुनने का आरोप लगाया।


2019 में घटनाक्रम

2019 में, तेज प्रताप ने RJD छोड़कर लालू राबड़ी मोर्चा का गठन किया और पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय को समर्थन देकर RJD को नुकसान पहुंचाया। इसी दौरान ऐश्वर्या राय विवाद ने पूरे परिवार की छवि को प्रभावित किया, जब ऐश्वर्या ने राबड़ी देवी और मीसा भारती पर गंभीर आरोप लगाए।


तेज प्रताप के आरोप

2021 में, तेज प्रताप ने अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से टकराव किया। 2022 से 2025 तक, उन्होंने बार-बार आरोप लगाया कि तेजस्वी के करीबी संजय यादव उन्हें राजनीतिक रूप से कमजोर कर रहे हैं। मई 2025 में तेज प्रताप के एक विवादित सोशल मीडिया पोस्ट के बाद, लालू यादव ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी और परिवार दोनों से निकाल दिया।


रोहिणी का निर्णय

अब परिवार में नई दरार रोहिणी आचार्य की ओर से सामने आई है। सितंबर 2025 में, उन्होंने तेजस्वी के करीबी माने जाने वाले संजय यादव को 'जयचंद' कहते हुए लालू परिवार के सभी सदस्यों को अनफॉलो कर दिया। नवंबर 2025 में चुनावी हार के बाद, रोहिणी ने खुलकर आरोप लगाया कि तेजस्वी के करीबी उन्हें परिवार से दूर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे राजनीति छोड़ रही हैं और परिवार से रिश्ता खत्म कर रही हैं।