लॉस एंजेलेस में ट्रंप के आदेश के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन
लॉस एंजेलेस में प्रदर्शन की स्थिति
लॉस एंजेलेस/वॉशिंगटन: अमेरिका के लॉस एंजेलेस में रविवार को स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई जब हजारों लोग राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग लगा दी, ट्रैफिक को बाधित किया और सुरक्षा बलों के साथ झड़प की। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और रबर की गोलियां चलाईं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने लॉस एंजेलेस में बड़ी संख्या में नेशनल गार्ड्स की तैनाती का आदेश दिया था, जो कि देश में अप्रवासी नागरिकों के खिलाफ चल रहे अभियानों के बीच उठाया गया कदम था। ट्रंप के आदेश के तीन दिन बाद प्रदर्शन उग्र हो गया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नेशनल गार्ड्स की तैनाती से डर और दहशत का माहौल बन रहा है।
प्रदर्शनकारियों की प्रतिक्रिया
लॉस एंजेलेस में हिंसक प्रदर्शन: लगभग 300 नेशनल गार्ड्स की तैनाती की गई है। प्रदर्शनकारियों ने 101 फ्रीवे पर ट्रैफिक रोकने का प्रयास किया। 'शर्म करो' और 'घर जाओ' जैसे नारों के साथ सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने मेक्सिको के झंडे भी लहराए, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस और धुएं के कनस्तर छोड़े, जिससे कई क्षेत्रों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पें भी हुईं।
स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रिया
कैलिफोर्निया के गवर्नर गविन न्यूजॉम ने राष्ट्रपति ट्रंप को पत्र लिखकर कहा है कि लॉस एंजेलेस में नेशनल गार्ड्स की उपस्थिति स्थिति को और बिगाड़ रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे लोगों में डर बढ़ रहा है और सामाजिक ताना-बाना कमजोर हो रहा है। वहीं, लॉस एंजेलेस की मेयर करेन बास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह प्रदर्शन केवल सुरक्षा से संबंधित नहीं है, बल्कि यह लोगों के अंदर के डर, असुरक्षा और संदेह का परिणाम है। प्रशासन ने प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बनाए रखने की पूरी कोशिश की है।” लंबे समय से अमेरिका में अप्रवासी नागरिकों के खिलाफ छापेमारी और सख्ती का दौर जारी है। लेकिन जब राष्ट्रपति ट्रंप ने लॉस एंजेलेस जैसे बड़े और विविधतापूर्ण शहर में नेशनल गार्ड्स तैनात किए, तो लोगों को यह डर सताने लगा कि यह कदम अप्रवासियों को निशाना बनाने के लिए उठाया गया है। इसी डर ने गुस्से का रूप ले लिया और शहर में हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे।