वंदे भारत एक्सप्रेस में टीटीई द्वारा अवैध वसूली का आरोप
नागपुर के व्यवसायी का अनुभव
नागपुर में एक होटल व्यवसायी मनोहर खुशालानी और उनके परिवार को वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रा के दौरान एक अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन के लिए जाते समय उनसे टिकट के लिए अवैध वसूली की गई। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो ट्रेन के टिकट निरीक्षक (टीटीई) ने अभद्र व्यवहार किया।
टिकट की समस्या
खुशालानी ने बताया कि शनिवार दोपहर अचानक उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर जाने का कार्यक्रम बना। वे अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ नागपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे, लेकिन टिकट काउंटर पर उन्हें बताया गया कि अब टिकट नहीं मिल सकेगा। हालांकि, बुकिंग क्लर्क ने सुझाव दिया कि टीटीई से बात करने पर टिकट मिल सकता है।
महंगी डील का आरोप
खुशालानी का कहना है कि ट्रेन में टीटीई ने चार सीटों के लिए 10,000 रुपये की मांग की। प्रति टिकट 1500 रुपये के बजाय 2500 रुपये देने की बात कही गई। परिवार ने इस पर सहमति जताई, लेकिन ट्रेन में कई सीटें खाली थीं और टीटीई काफी देर तक वापस नहीं आए। उन्होंने मोबाइल ऐप से सीट की उपलब्धता चेक की और चार कन्फर्म सीटें बुक कर लीं।
टीटीई का आक्रामक व्यवहार
टीटीई बाद में आए और प्रति सीट 3500 रुपये मांगने लगे। जब खुशालानी ने बताया कि उन्होंने वैध टिकट ले लिया है, तो टीटीई नाराज हो गए और बिना टिकट यात्रा का आरोप लगाते हुए फाइन भरने को कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि टीटीई ने उनके परिवार के सामने गाली-गलौज की और उन्हें टॉयलेट के पास खड़े रहने को मजबूर किया।
रेलवे से जांच की मांग
खुशालानी ने कहा कि वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेन में सीटें खाली होने के बावजूद यात्रियों से अधिक पैसे वसूले जाना गंभीर मामला है। उन्होंने भारतीय रेलवे के अधिकारियों से पूरे मामले की जांच कराने और वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों के साथ हो रहे कथित दुरुपयोग पर सख्त कार्रवाई की मांग की।